लंदन. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष समय के साथ और अधिक खतरनाक होता जा रहा है. दोनों ही देशों से हर पल डराने वाली तस्वीरें और घटनाएं सामने आ रही हैं. रूस को समझाने के निरंतर प्रयास भी असफल साबित हो रहे हैं. लिहाजा, कई देशों ने मास्को के खिलाफ विभिन्न तरह के प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है. अधिकतर देश रूस के आक्रामक रवैये के खिलाफ और यूक्रेन के समर्थन में हैं. लेकिन फिर भी पुतिन की कानों में जूं तक नहीं रेंग रही. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, दोनों देशों के मध्य छिड़ी इस लड़ाई में अब तक कम से कम 240 आम नागरिक हताहत हुए हैं. कहा यह भी जा रहा है कि मरने वालों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा होने की संभावना है.
संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि यूक्रेन में जांन गंवाने वाले नागरिकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय के लिए बने कार्यालय ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय से शनिवार देर रात आंकड़ा जारी किया. यह कार्यालय किसी संघर्ष में मारे गए लोगों की पुष्टि के लिए सख्त वेरिफिकेशन प्रोसेस का पालन करता है. ओसीएचए ने बताया कि असैन्य ढांचों को नुकसान पहुंचने से हजारों लोग बिजली या पानी की सुविधाओं से वंचित हो गए हैं और इससे यूक्रेन में खासतौर से उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में मानवीय संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
हमले में 3500 रूसी सैनिकों की मौत
मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि लगभग 127 नागरिक हताहत हुए. इनमें से 25 लोग मारे गए हैं. जबकि 102 घायल हुए हैं. कुछ गोलाबारी में मारे गए तो कुछ की मौत हवाई हमले की वजह से हुई है. यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने शनिवार को ट्वीट किया कि यूक्रेन ने आईसीआरसी से अपील की है कि वह यूक्रेन पर हमले के दौरान मारे गए रूसी सैनिकों के शवों को उनके देश पहुंचाने में मदद करे. बता दें कि दावा किया गया है कि 3500 रूसी सैनिक मार गिराए गए हैं.
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