देश में छह महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची बेरोजगारी, जनवरी में बेरोजगारी दर 8.1%, गांवों में ज्यादा हालत खराब

देश में छह महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची बेरोजगारी, जनवरी में बेरोजगारी दर 8.1%, गांवों में ज्यादा हालत खराब

प्रेषित समय :15:32:31 PM / Wed, Mar 2nd, 2022

नई दिल्ली. फरवरी में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 8.1 प्रतिशत के छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो जनवरी में 10 महीने के निचले स्तर 6.57 प्रतिशत पर आ गई. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर पिछले महीने 8.1त्न थी.

पिछले महीने गांवों में बेरोजगारी 8 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर थी. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2022 में गांवों में जॉबलेसनेस (बेरोजगारी) 2.51त्न बढ़कर 8.35त्न पर पहुंच गई. हालांकि इसके विपरीत शहरों में बेरोजगारी दर पिछले महीने 7.55 प्रतिशत रही, जो चार महीने का निचला स्तर है.

शहरों में रिकवरी लेकिन मनरेगा बजट में कमी से गांवों में बढ़ी बेरोजगारी

लेबर सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन रिस्ट्रिक्शंस में ढील और फॉर्मल व इनफॉर्मल दोनों सेक्टर में तेज रिकवरी की वजह से शहरों में बेरोजगारी दर कम हो रही है. शहरों की बेरोजगारी दर नवंबर 2021 में 8.2 प्रतिशत, दिसंबर 2021 में 9.3 प्रतिशत, जनवरी 2022 में 8.16 प्रतिशत और फरवरी 2022 में 7.55 प्रतिशत पर रही.
एक्स्पर्ट्स के अनुसार कुछ राज्यों के मनरेगा बजट में कमी और गांवों में गैर-कृषि क्षेत्र में नए रोजगार की सीमित उपलब्धता के चलते गांवों में बेरोजगारी दर में उछाल रही और यह फरवरी में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई.

मई में बेरोजगारी दर 11.84त्न पर पहुंच गई थी

सीएमआईई के मुताबिक 2021 में मई में बेरोजगारी दर 11.84 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. हालांकि इसके बाद इसमें गिरावट देखने को मिली और ये जनवरी 2022 में 6.57 प्रतिशत पर आई थी, लेकिन अब ये फिर से बढऩे लगी है.

इकोनॉमी की हेल्थ को दर्शाती है बेरोजगारी दर

सीएमआईई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, इसको बताती है. थिंक टैंक को उम्मीद है कि रबी फसल की बुआई की शुरुआत में तेजी देखने को मिल सकती है. इसका मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में एग्री सेक्टर एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगा. इससे प्रवासी मजदूर खेतों की ओर वापसी करेंगे.

कैसे तय होती है बेरोजगारी दर?

दिसंबर में बेरोजगारी दर 8.1 प्रतिशत रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 81 को काम नहीं मिल पाया. सीएमआईई हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है. इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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