नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से कच्चा तेल भड़क उठा है. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) के भाव बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए हैं. इस बीच अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने दुनिया में एनर्जी संकट बढऩे की चेतावनी दी है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ा. जिससे क्रूड के भाव 2014 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए. इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 25 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं.
ग्लोबल एग्रीमेंट के अनुसार कच्चे तेल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. जापान, अमेरिका सहित आईईए के सदस्यों ने अपने रिजर्व में से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने की तैयारी की है, लेकिन यह एक दिन के तेल खपत से भी कम है. ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत और बढ़ सकती है. आईईए ने कहा है कि अमेरिका ने अपने ऑइल रिजर्व में से 3 करोड़ बैरल तेल बाजार में जारी किया है. हालांकि, जिस तरह दुनियाभर में तेल की खतप बढ़ रही, रिजर्व में रखे तेल इसके लिए काफी नहीं होंगे. कोरोना से पहले दुनियाभर में रोजाना 10 करोड़ बैरल तेल की खपत हो रही थी.
150 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल
ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैश, मॉर्गन स्टैनली और जेपी मॉर्गन ने कच्चे की कीमतों पर भविष्यवाणी की है. इन एजेंसियों के अनुसार कच्चे तेल के दाम जल्द ही 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं. हालांकि, रूस ने अपने क्रूड के दाम रिकॉर्ड स्तर तक घटा दिए हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप की ओर से लगे प्रतिबंधों की वजह से कोई भी उसे खरीद नहीं रहा.
119 दिनों से स्थिर हैं दाम
रुझान बताते हैं कि पिछले 119 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़त हुई है और यह दो महीने के उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है.
25 रुपए तक बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल पार कर गई हैं. वहीं तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है. इतना ही नहीं, आगे भी इसमें तेजी जारी रह सकती है. ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड प्रशांत वशिष्ठ के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं.
चुनाव के बाद बढ़ सकते हैं दाम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है. विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं इसके बाद पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं. क्योंकि आमतौर देखा गया है कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती हैं.
एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है सरकार
एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई को काबू में करने के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है. केंद्र सरकार ने कोरोना की पहली लहर में दो बार में पेट्रोल-डीजल पर लगले वाली एक्साइज ड्यूटी में 15 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. हालांकि इसके बाद 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी की कटौती की थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रूस अब डॉलर, पाउंड और यूरो का नहीं कर सकेगा कारोबार, अमेरिका ने लगाया बैन
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