कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब, पेट्रोल डीजल में तेज बढ़त की आशंका

कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब, पेट्रोल डीजल में तेज बढ़त की आशंका

प्रेषित समय :17:17:45 PM / Thu, Mar 3rd, 2022

नई दिल्ली. कच्चे तेल की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. रूस यूक्रेन संकट  से मांग और सप्लाई में बढ़ते अंतर की वजह से कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गई हैं. जो कि तेल कीमतों का 9 साल से भी अधिक वक्त का सबसे ऊंचा स्तर है. कच्चे तेल की कीमतों में इस उछाल की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज बढ़त की आशंका बन गई है. देश में तेल की खुदरा कीमतों में पिछले 4 महीने से स्थिरता बनी हुई है.

मई कॉन्ट्रैक्ट के लिये ब्रेंट क्रूड आज बढ़त के साथ 119.84 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया. पिछले कारोबारी सत्र में ब्रेंट 112.93 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था. यानि आज के सत्र में ब्रेंट क्रूड करीब 7 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हुआ है. वहीं अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट के लिये डब्लूटीआई क्रूड 115 डॉलर प्रति बैरल के पार कर गया. एक महीने पहले ब्रेट क्रूड 91 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था, वहीं जंग शुरू होने से पहले कच्चा तेल 95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था, यानि युद्ध की शुरुआत के साथ कच्चे तेल की कीमतों में करीब 25 डॉलर प्रति बैरल की बढ़त देखने को मिल चुकी है,

कीमतों में तेजी की मुख्य वजह कच्चे तेल की सप्लाई मांग के मुकाबले कम रहने के कारण देखने को मिली है. रूस यूक्रेन संकट और रूस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई पर असर देखने को मिला है. वहीं आईईए देशों के द्वारा अपने रिजर्व में से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने के फैसला लिया जो कि बाजार के अनुमानों से कम रहा है. वहीं उत्पादन को बढ़ाने को लेकर ओपेक प्लस देशों के तरफ से भी कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया है. जिसकी वजह से सप्लाई पर बुरा असर पड़ने की संभावना बन गई है इसी वजह से कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है.

वहीं आशंका बन गई है कि घरेलू बाजारों में तेल की खुदरा कीमतों में अगले हफ्ते से बढ़त देखने को मिलेगी. जेपी मार्गन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब तेल पहुंचने के साथ तेल कंपनियों का अच्छा खासा नुकसान हो रहा है और नुकसान की भरपाई के लिये तेल कंपनियां तेल कीमतें बढ़ा सकती हैं. ब्रोकरेज कंपनी जे.पी. मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘अगले हफ्ते तक राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाएंगे. अनुमान है कि इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं.’’ कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल पर 5.7 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है. जेपी मॉर्गन के मुताबिक तेल विपणन कंपनियों को सामान्य मार्केटिंग प्रॉफिट पाने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है. घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में लगातार 118 दिन से कोई बदलाव नहीं किया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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