इस युवक ने ऑटो रिक्शा का नाम रखा कोविड 19, बेरोजगारी है इसकी वजह, यह है पूरी कहानी

इस युवक ने ऑटो रिक्शा का नाम रखा कोविड 19, बेरोजगारी है इसकी वजह, यह है पूरी कहानी

प्रेषित समय :18:25:29 PM / Tue, Mar 8th, 2022

नई दिल्ली. कोविड दुनिया के लिए एक बुरी याद है. इस शब्द को भी लोग पसंद नहीं करते. लेकिन श्याम एस. के लिए कोविड शब्द काफी मायने रखता है. इतना कि उन्होंने अपने ऑटोरिक्शा का नाम कोविड 19 रख दिया. दरअसल, महामारी के कारण ही केरल के अलप्पुझा शहर के इस 34 वर्षीय युवक को न सिर्फ अपनी पहली नौकरी मिली, बल्कि वो उससे इतना कमा पाए कि उन्होंने चार पहियों का एक वाहन खरीद लिया.

पहले लॉकडाउन ने बदली चीजें

साल 2020 से पहले श्याम से गांववालों एक ही सवाल पूछते थे कि अभी तक तुम्हे नौकरी नहीं मिली. इस सवाल से श्याम तंग आ चुके थे. लेकिन इसके बाद महामारी की शुरुआत हो गई. जब कोविड की मार पड़ी, तो श्याम ने नौकरी तलाशना भी बंद कर दिया. जब पहले लॉकडाउन के दौरान उनके इलाके में कोविड फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट सेंटर (सीएफएलटीसी) खुला तो चीजें काफी बदल गईं.

हर दिन के मिलने लगे थे 750 रुपये

उस दौरान एक केस की खबर से ही गांववाले घबरा जाते थे. इसलिए सीएफएलटीसी के लिए स्वंयसेवकों का मिलना बेहद मुश्किल हो गया. कोई भी परिवार अपने बच्चे को भेजने के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में श्याम ने बिना किसी मेहनताने के भी वहां काम करने का फैसला किया. बाद में, उनकी पंचायत के अधिकारियों ने उनसे कहा कि उन्हें हर दिन के लिए 750 रुपये मिलेंगे.

इतने महीने में जोड़े 1.5 लाख रुपये

श्याम ने बताया कि उन्होंने पहली लहर के दौरान लगभग 4 महीने और दूसरी लहर के दौरान तीन महीने वहां काम किया. जब सीएफएलटीसी बंद हुआ, तबतक उनके बैंक अकाउंट में 1.5 लाख रुपये जमा हो चुके थे. उसी पैसे से उन्होंने एक ऑटोरिक्शा खरीद लिया. श्याम ने अपने वाहन को कोविड 19 नाम देने से पहले दो बार भी नहीं सोचा. वो कहते हैं- महामारी ने नौकरी पाने में मेरी मदद की, इसलिए मैंने इसे ये नाम दिया. अब मैं रोजाना 800 रुपये कमाता हूं.

लोग बनाते हैं मजाक

इस नाम के कारण लोग उनका मजाक भी बनाते हैं. वह बताते हैं कि मेरे दोस्त और परिवार वाले मुझे खूब चिढ़ाते हैं. कुछ यात्री तो मजाक-मजाक में ये तक कह देते हैं कि अगर तुम्हारे वाहन में सफर करने से हमें कोरोना हो गया तो हम क्या करेंगे. जबकि कुछ कहते हैं कि तुम्हारे ऑटोरिक्शा के कारण वे वायरस को नहीं भूला पाएंगे. हालांकि, मैं इस नाम को नहीं बदलूंगा.

कोविड मरीजों को देते हैं ये सुविधा

ऑटो रिक्शा के मालिक श्याम, कोरोना के मरिजों और उन लोगों को प्राथमिकता देते हैं, जो कोविड टेस्ट कराने जा रहे होते हैं. और हां, ऐसे यात्रियों को स्पेशल डिस्काउंड भी मिलता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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