वाराणसी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतगणना से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को गलत तरीके से वाराणसी में EVM ट्रांसपोर्ट के आरोप लगाए थे. उनके आरोपों के बाद अब चुनाव आयोग सख्त हो गया है. ट्रेनिंग EVM के परिवहन में नियमों के कथित उल्लंघन पर, चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्य चुनाव आयुक्त से वाराणसी ADM नलिनी कांत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. नलिनी कांत सिंह ईवीएम के नोडल प्रभारी थे.
उत्तर प्रदेश में मतगणना से एक दिन पहले, समाजवादी पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्ट्रांग रूम के बाहर अपनी निगरानी बढ़ा दी है.
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक अधिकारी का वीडियो क्लिप अपलोड किया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को ले जाते समय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया था. हालांकि, 45 सेकेंड के वीडियो में अधिकारी ने ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना से भी इनकार किया और कहा कि थ्री लेयर सिक्योरिटी है, उसे भेदा नहीं जा सकता. अगर पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यकर्ता चाहें तो बाहर खुद निगरानी के लिए बैठ सकते हैं.
वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा, ट्रेनिंग वाली ईवीएम को मतदान वाली ईवीएम की अफवाह फैलाई गई थी. इससे शहर की शांति प्रभावित हो सकती थी, जिसे लेकर कार्रवाई की जा रही है. चुनाव आयोग ने अधीनस्थ अधिकारी की भूमिका पर कार्रवाई की है. ईवीएम को बिना किसी मूवमेंट प्लान के ले जाया जा रहा था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पॉलिटेक्निक कॉलेज में ब्लास्ट, 10 छात्र समेत 13 झुलसे
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