पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित सिहोरा के सिविल अस्पताल में आज कलेक्टर इलैयाराजा टी अचानक पहुंच गए, अस्पताल की व्यवस्थाओं को देख कलेक्टर भड़क गए, उन्होने कहा कि इतना अव्यवस्थित अस्पताल आज तक नहीं देखा, अस्पताल में 12 डाक्टर्स में महज एक डाक्टर उपस्थित मिले है, इन्हे भी मरीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
अस्पताल का निरीक्षण करते हुए करने पर पाया कि गायनिक वार्ड में डाक्टर ही नहीं थे, कलेक्टर ने फोन किया लेकिन फोन रिसीव नहीं किया गया, पूछताछ करने पर पता चला कि डिलेवरी के बाद जच्चा-बच्चा को जल्दी ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है, जिसपर कलेक्टर ने कहा कि कम से कम 72 घंटे अस्पताल में देखभाल होने चाहिए, एनआरसी में बच्चो की देखभाल न होने पर कलेक्टर ने डाक्टर को फोन लगवाया तो उन्होने भी फोन नहीं उठाया, पता चला कि वे भी दो दिन से अनुपस्थित है, कलेक्टर ने सीएमएचओ, बीएमओ व सीएस को फोन लगाकर कहा व्यवस्थाए सुधारने के निर्देश दिए, यहां तक कि एक डाक्टर को नोटिस देने के साथ साथ एक दिन का वेतन भी काटने कहा. कलेक्टर इलैयाराजा टी ने अनुपस्थित बीएमओ को बुलवाकर तत्काल व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए, कहा कि अस्पताल के आसपास गंदगी के ढेर व कचरे का तत्काल साफ कराएं, उन्होने अस्पताल परिसर में किए गए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए है.
अस्पताल के पास ही अपना क्लीनिक खोलकर बैठे डाक्टर-
शिशुरोग डाक्टर की अनुपस्थिति में कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नाराजगी जाहिर की, काफी देर बाद डाक्टर पहुंचे, जिसपर जरुरी निर्देश देते हुए नोटिस दिया गया, साथी ही अस्पताल के पास डाक्टर द्वारा क्लीनिक खोलने पर बीएमओ से स्पष्टीकरण भी मांगा, कहा कि शासकीय अस्पताल के डाक्टर अपना क्लीनिक किस आधार पर खोले है इसका जबाव प्रस्तुत करे. उन्होने एसडीएम आशीष पांडेय से नियमित रुप से अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का सुधारने की बात कही, वे इसी तरह फिर किसी दिन निरीक्षण करने अस्पताल आएगें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में एक निजी स्कूल-कालेज की दीवार पर प्राचार्य-शिक्षक के बारे में लिखी अशोभनीय टिप्पणी
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