कर्नाटक HC के फैसले के बाद गुजरात शिक्षा विभाग ने जारी किया सर्कुलर, कहा- हिजाब विवाद को लेकर रहें सतर्क

कर्नाटक HC के फैसले के बाद गुजरात शिक्षा विभाग ने जारी किया सर्कुलर, कहा- हिजाब विवाद को लेकर रहें सतर्क

प्रेषित समय :15:40:05 PM / Thu, Mar 17th, 2022

गांधीनगर. कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसले ने फैसला सुनाया है कि इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. इसके एक दिन बाद ही गुजरात शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें उन्हें हिजाब विवाद  के प्रति सजग और सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इसी के साथ ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कानून व्यवस्था किसी भी स्थिति में भंग नहीं हो. बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि हिजाब विवाद को लेकर सतर्क रहें ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना हो और कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे.

सर्कुलर में स्कूलों के आयुक्त, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के निदेशक, सर्व शिक्षा अभियान, तकनीकी शिक्षा के निदेशक, प्राथमिक शिक्षा के निदेश और गुजरात माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को चिह्नित किया गया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. इसने शैक्षिण संस्थानों में ड्रेस पर कर्नाटक सरकार के आदेश को बरकरार रखा है. इसी के साथ क्लास में हेड स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं देने को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताने वाली कई याचिकाएं भी खारिज कर दीं. हिजाब हटाने का नियम कर्नाटक में धार्मिक तनाव का केंद्र बन गया है और देश के अन्य हिस्सों में फैल गया है.

राज्य के स्कूलों और कॉलेजों को पहले 9 मार्च और 18 फरवरी को सर्कुलर जारी किया गया था. ये केंद्रीय गृह मंत्रालय के 10 फरवरी के सर्कुलर को संदर्भित करता है. इसमें कहा गया है कि कर्नाटक के हिजाब विवाद ने हिंसा को जन्म दिया है. कर्नाटक के कुछ जिलों कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है. गुजरात शिक्षा विभाग का सर्कुलर ऐसे समय में आया है, जब GSHSEB कक्षा 10, 12 की परीक्षा 28 मार्च से होने वाली है.

वहीं छात्र कार्यकर्ताओं ने हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बुधवार को निराशाजनक बताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों की ड्रेस में सामाजिक और धार्मिक प्रथाएं समाहित होनी चाहिए. हाई कोर्ट ने 129 पन्नों के आदेश में कहा कि हिजाब इस्लाम में जरूरी धार्मिक प्रथा नहीं है और परिसर में शांति, सद्भभावना और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले किसी भी तरह के कपड़े पर रोक लगाने के कर्नाटक सरकार के आदेश को बरकरार रखा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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