प्रदीप द्विवेदी. कुछ देशों में 20वीं सदी में राष्ट्रपति को रबर की मोहर बना दिया जाता था, लेकिन 21वीं सदी में तो रबर की मोहर को ही राष्ट्रपति बनाया जाने लगा है?
इस वक्त भारत में भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हलचलें शुरू हो गई हैं और कम-से-कम तीन नाम चर्चा में आ रहे हैं, यह बात अलग है कि जिनके हाथ में चुनाव का हिसाब है, वे यह पद किसे देते हैं?
बेहद दिलचस्प बात है कि पिछले कोरोनाकाल की आपदा में भी भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की जनता को टीवी पर संबोधित नहीं किया, केवल पीएम मोदी ही संबोधित करते रहे!
खैर, अब जहां पीएम मोदी का जादू उतार पर है, वहीं योगी का पॉलिटिकल क्रेज बढ़ता जा रहा है, यही वजह है कि योगी समर्थक चाहते हैं कि अगले राष्ट्रपति योगी हों ....और नहीं तो, अगला पीएम फेस 2024, योगी हों?
पिछले दिनों विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार का नाम उभर कर आया, तो खबर है कि....
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पुराने संसदीय क्षेत्र बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड के अंतर्गत पोखर के दौर पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने पुराने समर्थकों और शुभचिंतकों से मुलाकात की, समर्थक भी बेहद उत्साहित थे और जमकर नारेबाजी हुई- देश का राष्ट्रपति कैसा हो? नीतीश कुमार जैसा हो!
उधर, खबर तो यह भी है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि- बीजेपी सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पद का लालच दिया और कहा कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति बना दिए जाओगे?
इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थन के बिना केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी राष्ट्रपति चुनाव में स्वतंत्र रूप से नहीं चल सकती है?
खबरों की मानें तो ममता ने बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायकों द्वारा वॉकआउट किए जाने के बाद कहा कि- जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. हमारे समर्थन के बिना, आप आगे नहीं बढ़े पाएंगे, आपको यह नहीं भूलना चाहिए!
उनका तो यह भी कहना था कि- देश में बीजेपी के कुल विधायकों में से आधे विधायक नहीं हैं और पार्टी के लिए राष्ट्रपति चुनाव जीतना आसान नहीं होगा?
यही नहीं, यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजों के मद्दे नजर ममता बनर्जी ने कहा कि- अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में 78 सीटें ज्यादा हासिल की थीं और बीजेपी की सीटें कम हो गई थीं. इसलिए उसे बड़ी बात नहीं करनी चाहिए!
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है, लिहाजा राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सभी सियासी दल सक्रिय हो गए हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कोई दमदार उम्मीदवार मैदान में होगा या फिर मोदी टीम अपनी पसंद के उम्मीदवार को फिर से राष्ट्रपति बनाने में कामयाब हो जाती है?
राष्ट्रपति नहीं, तो क्या प्रधानमंत्री बनेंगे शरद पवार?
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राष्ट्रपति नहीं, तो क्या प्रधानमंत्री बनेंगे शरद पवार? news in hindi https://t.co/27eMUVeT1Z
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) July 15, 2021
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