मॉस्को. जिस यूक्रेन को कुछ दिनों में जीतने का रूस ने मंसूबा बांधा, वह महीने भर से दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से शुमार रूसी सेना के सामने डटा है. पूरी ताकत से हमले के बावजूद रूसी सेना अब तक यूक्रेन राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर पाई. इससे रूसी सैनिकों का मनोबल गिर रहा है. वे हताश होने लगे हैं. इसका ताजा प्रमाण तब मिला, जब दो रूसी सैन्य कमांडरों की बातचीत सामने आई. इसमें वे यूक्रेन से जारी जंग को ‘चेचन्या की लड़ाई से भी बदतर’ बता रहे हैं.
खबरों के मुताबिक, रूसी सैन्य कमांडरों की सैटेलाइट रेडियो-सैट पर हुई बातचीत सामने आई है. काले सागर के नजदीक यूक्रेन के शहर मीकोलाइव के मोर्चे पर तैनात एक रूसी सैन्य अफसर और उनके वरिष्ठ अफसर के बीच हुई बातचीत सार्वजनिक हुई है. इस बातचीत में यूक्रेन में जारी जंग के जमीनी हालात को ‘चेचन्या की लड़ाई से भी बदतर’ बताया गया है. यही नहीं, बातचीत के दौरान सैन्य अफसर अपने वरिष्ठ को यह भी बताते हैं कि वे ‘अपने शहीद सैनिकों के शव भी नहीं निकाल पा रहे.’ यह बातचीत रूसी भाषा में है. इसके दिमित्री एल्परोविच नाम के एक कंप्यूटर विशेषज्ञ ने सार्वजनिक किया है. दिमित्री रूसी मूल के नागरिक हैं. इस वक्त अमेरिका में रह रहे हैं. हालांकि इस बातचीत की प्रामाणिकता की अभी पुष्टि नहीं हुई है. दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यूक्रेन में उनका सैन्य अभियान बनाई गई योजना के मुताबिक जारी है. रूसी सेनाओं का मनोबल ऊंचा है.
हालांकि रूसी सैन्य कमांडरों की बातचीत की मानें तो रूस ने यूक्रेन की परिस्थितियों का सही अंदाजा नहीं लगाया. साथ ही रणनीतिक तैयारियों के लिहाज से भी चूक हुई है. जैसे- बातचीत में एक जगह बताया गया कि रूसी वायु सेना के विमानों ने उन इलाकों पर ही बम गिरा दिए, जिन्हें रूस के सैनिक कब्जे में ले चुके थे. काले सागर के आसपास तीखी सर्दी वाले मौसम की विपरीत परिस्थितियों से होने वाली परेशानियों का भी इस बातचीत में जिक्र है.
चेचन्या करीब 200 साल से रूस के लिए चुनौती बना हुआ है
चेचन्या गणराज्य रूस के लिए बीते 200 साल से कठिन चुनौती बना हुआ है. यह रूस के दक्षिण-पश्चिम में कॉकेशस के पहाड़ी इलाक़े में स्थित है. यहां की आबादी 6 से 8 लाख के बीच बताई जाती है. इसमें अधिकतर सुन्नी मुसलमान और रूसी रुढ़िवादी ईसाई हैं. यहां लगातार विद्रोह भड़कते रहते हैं. रूस की सेना ताकत के बल पर चेचन विद्रोहियों को कुचलने की कोशिश करती है. इसके बावजूद अब तक रूस पूरी तरह से चेचन्या को अपना हिस्सा नहीं बना पाया है. इस लंबे संघर्ष के दौरान अब तक हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं. लाखों लोग विस्थापित भी हुए हैं.
रूस-यूक्रेन की जंग रोकने मध्यस्थ बना इजरायल, नफ्ताली बेनेट और पुतिन में 3 घंटे हुई बातचीत
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