वारुणी योग चैत्र माह में बनने वाला एक पुण्यप्रद महायोग है जिसका वर्णन विभिन्न पुराणों में मिलता है. यह महायोग तीन प्रकार का होता है.
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा और शनिवार हो तो महावारुणी
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को वारुण नक्षत्र (शतभिषा) हो तो वारुणी योग (30 मार्च 2022 बुधवार (सूर्योदय से सुबह 10:49 तक)
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा नक्षत्र, शनिवार और शुभ योग (कुल 27 योगों में से 23वां योग) हो तो महा महा वारुणी पर्व होता है.
इस महायोग में गंगा आदि तीर्थ स्थानों में स्नान, दान और उपवास करने से करोड़ों सूर्य ग्रहणों के समान फल प्राप्त होता है.
आइये देखते हैं विभिन्न शास्त्र क्या कहते हैं
भविष्यपुराण के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यदि शनिवार या शतभिषा से युक्त हो तो वह महावारुणी पर्व कहलाता है | इसमें किया गया स्नान, दान एवं श्राद्ध अक्षय होता है.
चैत्रे मासि सिताष्टम्यां शनौ शतभिषा यदि . गंगाया यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा ..
सेयं महावारुणीति ख्याता कृष्णत्रयोदशी . अस्यां स्नानं च दानं च श्राद्धं वाक्षयमुच्यते ..
नारदपुराण
वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी ..
गंगायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा .. ४०-२० ..
स्कन्दपुराण
"वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी. गङ्गायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा॥
शनिवारसमायुक्ता सा महावारुणी स्मृता. गङ्गायां यदि लभ्येत कोटिसूर्यग्रहैः समा॥"
देवीभागवत पुराण
"वारुणं कालिकाख्यञ्च शाम्बं नन्दिकृतं शुभम्.
सौरं पाराशरप्रोक्तमादित्यं चातिविस्तरम्॥"
त्रिस्थलीसेतु
चैत्रासिते वारुणऋक्षयुक्ता त्रयोदशी सूर्यसुतस्य वारे.
योगे शुभे सा महती महत्या गंगाजलेर्कग्रहकोटितुल्या..
30 मार्च 2022 बुधवार को सूर्योदय से सुबह 10:49 तक) वारुणी योग है .
Astro nirmal
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राहुल बनकर उमेद ने किशोरी को प्रेमजाल में फंसाया, कहा धर्म परिवर्तन कर लो शादी करुंगा
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