मध्य प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शुरू हो रही बड़ी सुविधा, होगी बोनमैरो ट्रांसप्लांट और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना

मध्य प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शुरू हो रही बड़ी सुविधा, होगी बोनमैरो ट्रांसप्लांट और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना

प्रेषित समय :10:28:04 AM / Sat, Apr 2nd, 2022

भोपाल. मध्य प्रदेश की जनता को मेडिकल के क्षेत्र में दो बड़ी सुविधाएं मिलने जा रही हैं. अब लाखों का इलाज एमपी में ही मुफ्त में हो जाएगा. एमपी में स्टेम सेल थैरेपी पर आधारित बोन मैरो ट्रांसप्लांट  और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की शुरुआत की जा रही है. ये सुविधा प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में उपलब्ध रहेगी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि प्रदेश में स्टेम सेल थैरेपी आधारित बोनमैरो ट्रांसप्लांट और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना की जा रही है. मध्यप्रदेश के चार प्रमुख मेडिकल कॉलेजों भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में यह सुविधा शुरू होगी. लगभग 6 महीने में इसे विकसित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में बच्चों की जेनेटिक बीमारियां जैसे सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, थैलीसीमिया और कैंसर ल्यूकीमिया, मल्टीपल माईलोमा, नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा के इलाज के लिए बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट लगायी जाएगी. पहले चरण में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 6 बैड की बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट और 24 बिस्तरों की पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट लगायी जाएगी. इस यूनिट से विश्व स्तरीय मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी. इसमें स्वयं के (ऑटोलॉगस) स्टेम सेल ग्राफ्टिंग और अन्य व्यक्ति का (एलोजेनिक) बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया और थैलीसीमिया जैसी जेनेटिक बीमारियों से पीड़ित बच्चों का संक्रमित बोन मैरो निकाल कर स्वस्थ व्यक्ति का बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा. पीड़ित बच्चों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट करने के लिए सबसे पहले उनके भाई-बहनों को प्राथमिकता दी जाती है. क्योंकि उनका बोनमैरो मैच होने की संभावना 25 प्रतिशत से अधिक होती है. भाई-बहन ना होने पर ऐसे अन्य व्यक्ति का बोनमैरो जो बच्चों के साथ 100 प्रतिशत मैच करता है का उपयोग किया जा सकता है.

सेकेंड्री डोनर की पहचान स्टेम सेल रजिस्ट्री के जरिए होती है. भारत सरकार की स्टेम सेल रजिस्ट्री में कोई भी व्यक्ति अपना बोनमैरो डोनेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है. किसी भी पीड़ित बच्चे से बोनमैरों मैच होने पर वह अपना बोनमैरो डोनेट कर सकता है. कैंसर जैसे ल्यूकीमिया, मल्टीपल माईलामा, नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा से पीड़ित मरीजों में उनके ही स्टेम सेल को निकाल कर ऑटोलॉगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया जाएगा. पीड़ित मरीज के ही स्टेम सेल को निकाला जाएगा, फिर उसे क्रायो प्रिजर्व किया जाएगा. उसके बाद उसी मरीज में ऑटालॉगस ट्रांसप्लांट की जाएगी.

मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि भोपाल में शुरू होने वाली बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में 6 बिस्तर और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट में 24 बिस्तर शामिल है. इसमें आईसीयू के 06 बिस्तर है. इस यूनिट में 1 वर्ष में लगभग 20 बोनमैरो ट्रांसप्लांट करने का टारगेट रखा गया है. बच्चों में कैंसर और जेनेटिक बीमारियों के इलाज के लिए विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था विकसित कर अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क के विख्यात बोनमैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश सतवानी मुफ्त में इलाज और सहयोग देंगे. स्टेम सेल थेरेपी के जरिए ब्लड से संबंधित बीमारियों और अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए भोपाल में रिसर्च यूनिट शुरू की जाएगी. ताकि भविष्य में इन  असाध्य बीमारियों का स्टेम सेल थेरेपी से इलाज किया जा सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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