मध्य प्रदेश में सस्ती हुई शराब: 120 रुपए तक कम में मिलेगी देसी शराब की पेटी, सरकार को 350 करोड़ रुपए का फायदा

मध्य प्रदेश में सस्ती हुई शराब: 120 रुपए तक कम में मिलेगी देसी शराब की पेटी, सरकार को 350 करोड़ रुपए का फायदा

प्रेषित समय :09:18:09 AM / Mon, Mar 28th, 2022

भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार को देशी शराब से आने वाले समय में लगभग 350 करोड़ का प्रोफेट होने जा रहा है. दरअसल मध्य प्रदेश में हर साल ढाई करोड़ पेटी देसी शराब बेची जाती है. देशी शराब को बेचने का काम राज्य में 11 डिस्टलरियों के पास है. इन 11 डिस्टलरियों की मोनोपॉली होने के कारण प्रदेश में मंहगी दरों पर शराब बेची जा रही थी. जिस कारण सरकार को कोई खासा फायदा नहीं हो रहा था. अब सरकार ने इस मोनोपॉली को तोड़ दिया है.

सरकार के टेंडर में खुली प्रतिस्पर्धा के चलते सिंडिकेट बनाकर महंगी दरों पर शराब बेचने वाली 8 डिस्टलरी लगभग इस रेस से सीधे बाहर हो गई हैं. जिस कारण अब प्रदेश में केवल तीन डिस्टलरी के ग्रुप 95% देसी शराब का उत्पादन करेंगे. इस कारण सरकार और उपभोक्ताओं को साधा फायदा मिलेगा. नए टेंडर के बाद कीमतें 120 प्रति पेटी कम हुई हैं. सरकार का खरीदी रेट घटने और ठेकेदारों का रेट फिक्स होने के चलते मार्जिन वाले 350 करोड़ रुपए शासन के खाते में जाएंगे.

प्रदेश में मोनोपॉली के चलते शराब के प्रति पेटी दाम महंगे थे. इसमें 11 डिस्टलरी सिंडिकेट की तरह कीमत तय करती थी. जिसके चलते प्रति पेटी देसी शराब प्लेन 472 और मसाला 555 रुपए पहुंच चुकी थी. अब नए तरीके से खुली प्रतिस्पर्धा होने से तीन ग्रुप ने 377, 390 और 402 रुपए तक प्रति पेटी दाम भरे है. वहीं सबसे कम रेट होने की वजह से केडिया समूह को 39 जिले मिल चुके हैं. जेगपिन ब्रेवरीज को सात और एसोसिएटेड अल्कोहल को 6 जिले मिले हैं. इसके चलते सोम डिस्टलरी, अग्रवाल डिस्टलरी, एलकोब्रो ग्वालियर, ओएसिस डिस्टलरी, विंध्याचल डिस्टलरी, डीसीआर डिस्टलरी, ग्वालियर डिस्टलरी और गुलशन पोल्योल्स लगभग बाहर हो गई है.

शराब को लेकर भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बीच कोल्ड वॉर छिड़ी हुई हो, लेकिन सरकार की आर्थिक स्थिति शराब के कारण ही संभली हुई है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इस बार सरकार को शराब से अच्छी खासी आमदनी हो रही है. शराब के कारण सरकारी खजाना भी भर रहा है. वहीं प्रदेश में शराब से आय बढ़ाने के लिए सरकार ने नई आबकारी नीति 2022-23 में कई तरह के बदलाव किए हैं. इसके चलते अब देशी शराब की दुकानों पर विदेशी शराब को भी बेचने की अनुमति दी गई है. इसी के ही साथ अन्य तरह के संशोधन भी किए गए हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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