अहमदाबाद. गुजरात में लगभग 10,000 सरकारी डॉक्टरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सोमवार को अनिश्चित समय के लिए हड़ताल शुरू कर दी है. इस हड़ताल की वजह से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले दिन गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी द्वारा संचालित सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं प्रभावित रहीं क्योंकि डॉक्टरों ने मरीजों को देखने से इनकार कर दिया.
गुजरात मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (जीएमटीए) के अध्यक्ष डॉ रजनीश पटेल ने कहा, हमारी मांगों के समाधान की प्रतीक्षा में राज्य भर में लगभग 10,000 सरकारी डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ. सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल, छह मेडिकल कॉलेज और नौ जीएमईआरएस कॉलेज आदि के सरकारी कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं.
डॉ रजनीश पटेल ने आगे कहा कि हड़ताल पर गए डॉक्टर सातवें वेतन आयोग के अनुसार सेवाओं, विभागीय पदोन्नति और गैर-अभ्यास भत्ता (एनपीए) को जारी रखने और नियमित करने की मांग कर रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले पर जीएमटीए के महासचिव डॉ जयेंद्र मकवाना ने कहा, सरकार ने वादा किया था कि हमारी सभी मांगों को 31 मार्च, 2022 तक पूरा किया जाएगा.
आश्वासन के बाद, हमने अपनी हड़ताल रद्द कर दी थी, लेकिन ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. हमें जल्द ही किसी भी समय आदेश के बारे में कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. हमारे पास हड़ताल का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. वहीं हड़ताल पर गए डॉक्टरों का कहना है कि हमने कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जान बचाई लेकिन राज्य सरकार हमारी मांगों के प्रति उदासीन है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः गुजरात में कांग्रेस को बीजेपी से नहीं, आप से सियासी खतरा ज्यादा है?
गुजरात: लोन के पैसे वापस नहीं किए तो रिकवरी एजेंट ने वायरल कर दी ग्राहक की पत्नी की न्यूड फोटो
Leave a Reply