नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि मौजूदा बैंक लगातार खुली रहने वाली डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स खोल सकते हैं. ये यूनिट्स दो तरह की होंगी- जहां पहले में ग्राहक खुद सभी सेवाएं लेंगे, वहीं दूसरे में उन्हें इसके लिए सहायता दी जा सकती है. सरकार ने आम बजट में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 जिलों में कम से कम 75 ऐसी यूनिट्स स्थापित करने की घोषणा की थी.
डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स (डीबीयू) की स्थापना पर आरबीआई के गाइडलाइंस के मुताबिक इन यूनिट्स में मिलने वाली सेवाओं में खाते खोलना, कैश विड्रॉल और डिपॉजिट, केवाईसी अपडेट, लोन और शिकायत रजिस्ट्रेशन शामिल हैं.
गाइडलाइंस में कहा गया कि डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं का अर्थ आमतौर पर उन वित्तीय उत्पादों और सेवाओं से होता है, जो लगभग पूरी तरह से डिजिटल रूप में होती हैं, जहां ग्राहक उत्पाद या सेवाएं खुद हासिल करते हैं.
दिशानिर्देशों के मुताबिक डिजिटल बैंकिंग में अनुभव रखने वाले अनुसूचित कमर्शियल बैंकों को आरबीआई से अनुमति लिए बिना टियर-1 से टियर-6 केंद्रों (बड़े केंद्रों से लेकर छोटे केंद्रों) में डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स खोलने की अनुमति है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सहित आठ बैंकों पर आरबीआई ने कसा शिकंजा
आरबीआई ने महाराष्ट्र के सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द
आरबीआई ने केवाईसी अपडेट की समय सीमा 3 महीने के लिए बढ़ाई, अब बैंक खाता नहीं होगा सीज
Leave a Reply