नई दिल्ली. साल 2022-2023 के सत्र के लिए केंद्रीय विद्यालय ने अपने नियमों में बदलाव किया था. जिनमें पहली क्लास में एडमीशन लेने के लिए बच्चे की उम्र को 5 साल से बढ़ाकर 6 कर दिया गया था. इस नियम के विरोध में कुछ अभिवावकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इन याचिकाओं पर आज हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने केंदीय विद्यालय के फैसले को सही माना है.
केंद्रीय विद्यालय के पक्ष में हाई कोर्ट
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्रीय विद्यालयों में आगामी सत्र के लिए पहली क्लास में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह साल तय किए जाने को चुनौती दी गई थी.
आपको बता दें कि मार्च में जब पहली क्लास की एडमीशन प्रोसेज शुरू होती है तभी केंद्रीय विद्यालय ने अपने नियम में बदलाव किया था. जिसमें फस्र्ट क्लास के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 6 साल मांगी गई थी, जबकि इससे पहले कई सालों से यह उम्र 5 साल तय थी. जिसके बाद एक बच्ची के पिता पवन कुमार ने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष के माध्यम से याचिका दायर कर केवीएस के प्रवेश मानदंड मनमाना, भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण, अनुचित बताया था. याचिका में दलील दी गई थी कि केवीएस ने 24 फरवरी 2022 को प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से ठीक चार दिन पहले पोर्टल पर अक्षेपित दिशा-निर्देशों को अपलोड करके कक्षा-एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु मानदंड को पांच साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में पारा पहुंचा 42 के पार, टूटा पांच साल का रिकॉर्ड
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