*चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती पर्व मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 16 अप्रैल शनिवार को है. हनुमान जी जयंती के शुभ योग में यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है. ये उपाय इस प्रकार हैं-*
ऐसे चढाएं हनुमानजी को चोला
*हनुमान जयंती (16 अप्रैल, शनिवार) को हनुमानजी को चोला चढ़ाएं. हनुमानजी को चोला चढ़ाने से पहले स्वयं स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें. सिर्फ लाल रंग की धोती पहने तो और भी अच्छा रहेगा. चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें. साथ ही, चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें. दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें.*
*चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें. अब एक साबुत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें. कम से कम 5 माला जप अवश्य करें.*
*मंत्र- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे.
*सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने..*
*अब हनुमानजी को चढाए गए गुलाब के फूल की माला से एक फूल तोड़ कर, उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रखें. इससे धन संबंधी समस्या हल होने के योग बनने लगेंगे.*
*करें बड़ के पेड़ का उपाय शनिवार की सुबह स्नान करने के बाद बड़ (बरगद) के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें. अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें. अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें. साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा. अगली होली पर इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें.*
*घर में स्थापित करें पारद हनुमान की प्रतिमा अपने घर में पारद से निर्मित हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें. पारद को रसराज कहा जाता है. पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं. पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं, साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है. प्रतिदिन इसकी पूजा करने से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है. यदि किसी को पितृदोष हो, तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. इससे पितृदोष समाप्त हो जाता है.*
*शाम को जलाएं दीपक हनुमान जयंती की शाम को समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमानजी की प्रतिमा के सामने एक सरसों के तेल का व एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं. इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है. करें राम रक्षा स्त्रोत का पाठ सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी हनुमान मंदिर में जाएं और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें. इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं. जीवन में यदि कोई समस्या है, तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें.*
*प्राणों की रक्षा हेतु मंत्र/रक्षा कवच बनाने के लिए
*हनुमानजी जब लंका से आये तो राम जी ने उनको पूछा कि , रामजी के वियोग में सीताजी अपने प्राणो की रक्षा कैसे करती हैं ?*
*तो हनुमान जी ने जो जवाब दिया उसे याद कर लो . अगर आप के घर में कोई अति अस्वस्थ है, जो बहुत बिमार है, अब नहीं बचेंगे ऐसा लगता हो, सभी डॉक्टर दवाईयाँ भी जवाब दे गईं हों, तो ऐसे व्यक्ति की प्राणों की रक्षा इस मंत्र से करो..उस व्यक्ति के पास बैठकर ये हनुमानजी का मंत्र जपो..तो ये सीता जी ने अपने प्राणों की रक्षा कैसे की ये हनुमानजी के वचन हैं..(सब बोलना)*
*नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट .*
*लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥*
*इसक अर्थ भी समझ लीजिये .
*' नाम पाहरू दिवस निसि ' ..... सीता जी के चारों तरफ आप के नाम का पहरा है . क्योंकि वे रात दिन आप के नाम का ही जप करती हैं . सदैव राम जी का ही ध्यान धरती हैं और जब भी आँखें खोलती हैं तो अपने चरणों में नज़र टिकाकर आप के चरण कमलों को ही याद करती रहती हैं .*
*तो ' जाहिं प्रान केहिं बाट '..... सोचिये की आप के घर के चारों तरफ कड़ा पहरा है . छत और ज़मीन की तरफ से भी किसी के घुसने का मार्ग बंद कर दिया है, क्या कोई चोर अंदर घुस सकता है..? ऐसे ही सीता जी ने सभी ओर से श्री रामजी का रक्षा कवच धारण कर लिया है ..इस प्रकार वे अपने प्राणों की रक्षा करती हैं . तो ये मंत्र श्रद्धा के साथ जपेंगे तो आप भी किसी के प्राणों की रक्षा कर सकते हैं .*
*रक्षा कवच बनाने के लिए*
*दिन में 3-4 बार शांति से बैठें , 2-3 मिनिट होठो में जप करे और फिर चुप हो गए. ऐसी धारणा करे की मेरे चारो तरफ भगवान का नाम मेरे चारो ओर घूम रहा हें. भगवान के नाम का घेरा मेरी रक्षा कर रहा है.
Astro nirmal
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