- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* जो लोग अंक ज्योतिष में विश्वास रखते हैं, वे हर शुक्ल पक्ष में अपनी जन्मतिथि के सापेक्ष देवी के उस स्वरूप की पूजा और उस दिन का व्रत रख सकते हैं.
* पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका प्रथम स्वरूप- शैलपुत्री है. इनकी पूजा नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा को होती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 1, 10, 19, 28 तारीख है या तिथि- एकम और दशमी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होगी!
* सच्चिदानंद ब्रह्यस्वरूप की प्राप्ति कराने की प्रकृति होने के कारण देवी का द्वितीय स्वरूप- ब्रह्मचारिणी है. इस स्वरूप की पूजा द्वितीया तिथि को होती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 2, 11, 20, 29 तारीख है या तिथि- द्वितीया और एकादशी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, मानसिक शांति मिलेगी!
* देवी का तीसरा स्वरूप- चंद्रघंटा है. इस स्वरूप की पूजा तृतीया तिथि को होती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 3, 12, 30 तारीख है या तिथि- तृतीया, द्वादशी और अमावस्या है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, सुख-समृद्धि मिलेगी!
* देवी का चौथा स्वरूप- कूष्माण्डा है. इस स्वरूप की पूजा चतुर्थी तिथि को की जाती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 4, 13, 22, 31 तारीख है या तिथि- चतुर्थी और त्रयोदशी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, जीवन में सफलता मिलेगी!
* देवी का पांचवां स्वरूप- स्कंदमाता है. नवरात्रि के पांचवें दिन इस स्वरूप की पूजा-अर्चना होती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 5, 14, 23 तारीख है या तिथि- पंचमी और चतुर्दशी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, संतान-सुख मिलेगा!
* देवताओं की कार्य सिद्धि हेतु महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट होने के कारण देवी का छठा स्वरूप- कात्यायनी है. षष्ठी तिथि में इनकी पूजा की जाती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 6, 15, 24 तारीख है या तिथि- षष्ठी और पूर्णिमा है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, भौतिक सुख मिलेगा!
* देवी का सातवां स्वरूप है- कालरात्रि. सप्तमी तिथि को इनकी पूजा की जाती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 7, 16, 25 तारीख है या तिथि- सप्तमी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, सौभाग्य की प्राप्ति होगी!
* देवी का आठवां स्वरूप है- महागौरी. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को इस स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 8, 17, 26 तारीख है या तिथि- अष्टमी है, वे देवी की इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, कष्टों से मुक्ति मिलेगी!
* देवी का नौवां स्वरूप है- सिद्धिदात्री. नवमी तिथि पर इनकी पूजा-अर्चना की जाती है. जिन श्रद्धालुओं की जन्म दिनांक किसी भी महीने की- 9, 18, 27 तारीख है या तिथि- नवमी है, वे सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, सिद्धि मिलेगी, पराक्रम बढ़ेगा!
* नवरात्रि के शुभ अवसर पर देवी के किसी भी स्वरूप की पूजा करें- शांत मन से, शुद्ध तन से और संयमित जीवन से देवी आराधना करें, जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता के नए आयाम स्थापित होंगे!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जानकी जयंती पर अभिषेक पूजन कर मांगेंगी पति की लंबी उम्र
वसंत पंचमी तिथि पूजन मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से 12 :35 तक लाभदायक
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