नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट और यहां के बालीगंज विधानसभा सीट के साथ छत्तीसगढ़ के खैरागढ़, बिहार के बोचाहां और महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है. पश्चिम बंगाल का आसनसोल और बालीगंज सीट तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जो शुरुआती रुझान दिखाई दे रहे हैं, उसके मुताबिक पश्चिम बंगाल की बालीगंज विधानसभा सीट पर टीएमसी आगे है. वहीं बिहार की बोचहां विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल बढ़त बनाए हुए है.
आसनसोल में, जहां हिंदी भाषी आबादी है, सत्तारूढ़ टीएमसी ने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ भाजपा ने आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्र पॉल को मैदान में उतारा है. ममता बनर्जी की पार्टी ने बालीगंज से बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा है, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के किया घोष और माकपा के सायरा शाह हलीम से है. दोनों सीटों पर कांग्रेस भी मैदान में है. उपचुनाव में आसनसोल में जहां 64.03 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं बालीगंज में 41.10 प्रतिशत मतदान हुआ. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आसनसोल से पहले बाबुल सुप्रियो भाजपा के सांसद थे. उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था और सांसदी छोड़ विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस की यशोदा वर्मा और भाजपा की कोमल जंघेल के बीच है. क्योंकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने अपने संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की 2020 में मृत्यु के बाद से दबदबा खो दिया है. कांग्रेस ने उपचुनाव जीतने पर खैरागढ़ को जिला बनाने का वादा किया है. जेसीसी(जे) विधायक देवव्रत सिंह के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी और यहां उपचुनाव कराना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि यहां 77.88 प्रतिशत मतदान हुआ.
दिसंबर 2021 में कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव की कोविड-19 के कारण मृत्यु के बाद कोल्हापुर सीट खाली हुई थी, जहां उपचुनाव कराना पड़ा. कोल्हापुर सीट पर हुए उपचुनाव में 60.09 प्रतिशत वोटिंग हुई है. मैदान में 15 उम्मीदवार थे, हालांकि मुख्य लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच है. कांग्रेस राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार के घटक दलों में से एक है. कांग्रेस ने दिवंगत विधायक की पत्नी जयश्री जाधव को कोल्हापुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने सत्यजीत कदम को मैदान में उतारा है.
बिहार के बोचाहन विधानसभा क्षेत्र के लिए मंगलवार को हुए उपचुनाव में 2.90 लाख मतदाताओं में से करीब 59.20 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस सीट पर उपचुनाव, विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के कारण हुआ, जिन्होंने बॉलीवुड सेट डिजाइनर से नेता बने मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर जीत हासिल की थी. मुकेश साहनी शुरू में मृतक विधायक के बेटे अमर को बोचाहां से चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे. हाल ही में वह अपना मंत्री पद खो बैठे, और बाद में अपने संभावित उम्मीदवार का विश्वास भी.
अमर ने राजद के उम्मीदवार के रूप में बोचाहां से चुनाव लड़ा. मुकेश साहनी ने गीता देवी को मैदान में उतारा है, जिनके पिता रमई राम 2020 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से राजद के उम्मीदवार थे. भाजपा ने बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो बोचाहां निर्वाचन क्षेत्र में ‘जायंट किलर’ की छवि रखती हैं. उन्होंने 2015 में निर्दलीय चुनाव लड़कर रमई राम को हराया था, जिन्होंने अतीत में विभिन्न पार्टियों के टिकट पर कई बार बोचाहां का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. इसके अलावा कांग्रेस भी मैदान में है. चार निर्दलीय और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का उम्मीदवार भी बोचाहां से मैदान में है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव में उम्मीदवारों के लिए रखी गजब शर्त, टिकट उसे ही मिलेगा जो...
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