दिल्ली. दिल्ली के जहांगीरपुरी समेत देश के कई शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर हुई हिंसा की जांच NIA से करवाने की मांग की गई है. वकील विनीत जिंदल ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि कई राज्यों में हुई ऐसी घटनाएं सिर्फ संयोग नहीं हो सकतीं. इनके तार आपस मे जुड़े हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी मामलों की साझा जांच NIA से करवाने की ज़रूरत है.
बता दें कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जो बाद में हिंसा का रूप ले ली. पुलिस के मुताबिक, पथराव किया गया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए. जुलूस में कथित तौर पर तलवारें और अन्य हथियार लहराए गए थे.
FIR के मुताबिक, शनिवार शाम करीब 6 बजे जैसे ही शोभायात्रा जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ आया और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लग गया. बहस ज्यादा बढ़ने बाद स्थिति बिगड़ी और दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया.
इसके बाद सड़कों पर पत्थर फेंके जाने लगे. गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की जाने लगी. डंडे और तलवार लहराते लोग सड़कों पर आ गए. इस मामले में अब तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 4 लोग एक ही परिवार के हैं. आरोपियों में 2 नाबालिग भी शामिल हैं. 3 पिस्टल और 5 तलवारें जब्त की गई हैं.
बता दें कि हनुमान जयंती से पहले रामनवमी पर देश के कई राज्यों में हिंसा, पथराव और आगजनी की घटना हुई. दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में साम्प्रदायिक तनाव देखने को मिला.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा में बड़ा खुलासा, उपद्रवियों ने चलाई थी गोली, अब तक 9 लोग गिरफ्तार
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