नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मंगलवार को मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच भू-राजनीतिक हालात के असर सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठकों से इतर हुई इस मुलाकात में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने भारत की आर्थिक नीतियों की सराहना की.
आईएमएम प्रमुख ने कहा कि भारत की लक्षित नीतियों ने अर्थव्यवस्था को सीमित वित्तीय साधनों के साथ लचीला रखने में मदद की है. उन्होंने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई मदद की भी सराहना की. साथ ही भरोसा दिलाया कि आईएमएफ श्रीलंका से सक्रिय रूप से जुड़कर काम करता रहेगा.
निर्मला सीतारमण की इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करते हुए ग्लोबल इकोनॉमी पर इसके प्रभाव और इसके कारण ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से जुड़ी चुनौतियों के बारे में चिंता जताई.
वित्त मंत्री ने आईएमएफ प्रमुख को आर्थिक सुधारों से संबंधित भारतीय नीति से भी अवगत कराया. उन्होंने बताया कि भारत सरकार पूंजीगत व्यय के जरिये आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है. प्रमुख संरचनात्मक सुधारों, मजबूत मौद्रिक नीतियों और उदार राजकोषीय रुख ने कोरोना महामारी से उबरने में इंडियन इकोनॉमी की मदद की है. इसे देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल भारत की ग्रोथ रेट दुनिया में सबसे अधिक रहेगी. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत 8-8.5 फीसदी की विकास दर हासिल कर सकता है.
सीतारमण ने श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी से भी मुलाकात की. श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक स्थिति और चुनौतियों पर दोनों नेताओं ने चर्चा की. उन्होंने साबरी को भरोसा दिया कि एक घनिष्ठ मित्र और अच्छे पड़ोसी के रूप में श्रीलंका को हर संभव मदद देने की भारत कोशिश करेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आर्थिक सलाहकार का बयान -क्रूड का दाम 110 डॉलर के ऊपर रहा तो इसका बोझ आम लोगों को भी सहना होगा
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