श्रीलंका में और गहराता जा रहा आर्थिक संकट, देशव्यापी कर्फ्यू के बाद अब सोशल मीडिया ब्लैकआउट

श्रीलंका में और गहराता जा रहा आर्थिक संकट, देशव्यापी कर्फ्यू के बाद अब सोशल मीडिया ब्लैकआउट

प्रेषित समय :09:18:02 AM / Sun, Apr 3rd, 2022

कोलंबो. नेटब्लॉक्स मेट्रिक्स ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, वाइबर और यूट्यूब सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधों की पुष्टि किया है. श्रीलंका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ये प्रतिबंध 3 अप्रैल 2022 की मध्यरात्रि के बाद लागू हुए हैं. श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण हो रहे व्यापक जन विरोध का मुकाबला करने के लिए वहां की मौजूदा सरकार ने देश में कर्फ्यू लगाते हुए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल की मध्य रात्रि से तत्काल प्रभाव के साथ सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी.

रियल-टाइम नेटवर्क डेटा से पता चला है कि 3 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद से श्रीलंका में प्रमुख मोबाइल नेटवर्क प्रदाताओं के पास उपयोगकर्ता सर्विस उपलब्ध नहीं होने से संबंधित रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं. श्रीलंका में राष्ट्रव्यापी सोशल मीडिया प्रतिबंधों का इतिहास रहा है. इससे पहले, नेटब्लॉक्स ने देश की अग्रणी इंटरनेट प्रदाता कंपनी डायलॉग के कनेक्टिविटी लेवल में महत्वपूर्ण गिरावट को ट्रैक किया था. हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को वीपीएन सर्विसेज के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से एक्सेस किया जा सकता है, जो सरकार द्वारा लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंधों के आसपास काम कर सकते हैं.

श्रीलंका में तेजी से बढ़ती महंगाई, आवश्यक वस्तुओं की कमी से नाराज लोगों ने 31 मार्च की रात राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन किया था. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके आवास के बाहर एकत्र हुए, जिसके बाद 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. कोलंबो शहर के ज्यादातर इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. राष्ट्रपति के घर के बाहर भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका 51 अरब डॉलर कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. उसके पास मात्र 2.31 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है.

श्रीलंका ईंधन और दवाओं जैसी मूलभूत आवश्कताओं के लिए भुगतान करने में असमर्थ है. उसके पास 5500 मीट्रिक टन रसोई गैस का भंडार बचा है. गैस का करीब 4.9 मिलियन डॉलर का बिल श्रीलंका ने अब तक चुकाया नहीं है. विदेशी मुद्रा भंडार नहीं होने के कारण श्रीलंका उन देशों को भुगतान नहीं कर पा रहा, जिनसे वह ईंधन, रसोई गैस जैसी आवश्यक चीजें आयात करता है. श्रीलंकाई जनता को 13 घंटे तक बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है. कागज की कमी के कारण स्कूल की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं, जबकि दवाओं की कमी के कारण देश में अधिकांश जगहों पर अस्पातल बंद हो गए हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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