पटना. बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग में खतरनाक नए वैरिएंट BA 12 की पुष्टि होने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है. अस्पताल के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ नम्रता कुमारी की मानें तो दो महीने बाद एक बार फिर से जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो चुकी है और कुल 13 सैम्पल्स की रिपोर्ट आई है; जिसमें 12 सैम्पल में BA 2 मिला है जबकि एक सैम्पल की रिपोर्ट में BA 12 की पुष्टि हुई है.
डॉ नम्रता ने इस नए वैरिएंट को काफी खतरनाक बताते हुए कहा कि इस नए वैरिएंट की संक्रमण क्षमता बाकी ओमिक्रॉन से कई गुणा ज्यादा है. यह सबसे पहले यूएस में डिटेक्ट हुआ था. मालूम हो कि अस्पतालों में पिछले 2 माह से जीनोम सिक्वेंसिंग बन्द थी, क्योंकि नए मामले नहीं मिल रहे थे. लेकिन, जैसे ही दिल्ली समेत 5 राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे लगी उसके बाद बिहार में भी सैम्पल जांच में तेजी आ गई है और जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो गयी है.
वहीं बिहार में स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से चौथी लहर को लेकर अलर्ट पर है और सभी सार्वजनिक स्थलों पर बाहर से आनेवाले लोगों की जांच की जा रही है. पटना एयरपोर्ट पर भी 4 टीमें लगा दी गई हैं जबकि रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप पर भी कोरोना जांच शुरू हो चुकी है. अब तक बिहार में लगभग 25 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब तक नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है.
दूसरी ओर वैक्सिनेशन और टेस्टिंग को लेकर सभी जिला प्रशासन भी सजग है और सभी जिलों में टीकाकरण की रफ्तार में एक बार फिर से तेजी आ गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आईजीआईएमस में दो दिनों से ओपीडी और इमरजेंसी में कोरोना की रिपोर्ट देखने के बाद ही इलाज किया जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार में समान नागरिक संहिता पर जेडीयू की दो टूक, नीतीश कुमार के रहते इसकी जरूरत नहीं
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