देहरादून. हेमकुंड साहिब तक बर्फ हटाने का काम भारतीय सेना और गुरुद्वारा ट्रस्ट हेमकुंड साहिब ने पूरा कर लिया है. गढ़वाल हिमालय में 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुद्वारे हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए रविवार को भारतीय सेना के जवानों ने बर्फ हटाकर रास्ता साफ कर दिया. हेमकुंड साहिब का सफर भी कोरोना काल में दो साल तक रुका हुआ था, लेकिन इस साल हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू करने की पूरी तैयारी की जा रही है.
यहां पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ-साथ विदेश से भी सिख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए गुरुद्वारा कमेटी ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. सेना की मदद से पैदल मार्ग से 7 से 8 फीट तक लगभग 4 किमी तक बर्फ साफ हो गई है. भारतीय सेना के जवानों ने 8 से 9 फीट बड़े ग्लेशियरों को काट दिया है, ताकि उनके बीच एक रास्ता बनाया जा सके. रास्ता खोलने के लिए भारतीय सेना हमेशा से जिम्मेदार रही है. हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे की 18 किलोमीटर की कठिन यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है. पहला जत्था ऋषिकेश से 19 मई को हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए रवाना होगा.
7 से 8 फीट बर्फ अभी भी जमी
गुरुद्वारा ट्रस्ट और भारतीय सेना के जवानों ने श्री हेमकुंड साहिब में पवित्र गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका है. भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि धाम में अभी भी 7 से 8 फीट बर्फ है. बर्फ के कारण पवित्र झील जम गई है, लेकिन मई तक बर्फ पिघलने की पूरी संभावना है.
मुख्य सचिव 29 अप्रैल को करेंगे निरीक्षण
बर्फ साफ होने के बाद हेमकुंड साहिब का रास्ता ठीक हो जाएगा. इसके बाद यहां यात्रियों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू भी 29 अप्रैल को पहुंच रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव, देहरादून में रैली को किया था संबोधित
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