इंदौर. लोकायुक्त पुलिस इंदौर की टीम ने शुक्रवार को नगर निगम के प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है. स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत शहर की दीवारों पर पेंटिंग कराने वाले ठेकेदार सार्थक सोमानी निवासी रतलाम ने गुरुवार को एसपी लोकायुक्त से इसकी शिकायत की थी. ठेकेदार के मुताबिक वाल पेंटिंग का करीब 21 लाख रुपये का बिल पास कराने के बदले डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी.
दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही ठेकेदार ने 50 हजार रुपये नकद और एक लाख रुपये का चेक सगीर अहमद को दिया डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में पहले से मौजूद छह सदस्यीय टीम ने उन्हें दबोच लिया. ठेकेदार से मिली राशि और चेक सगीर अहमद ने अपने चपरासी दैवेभो कर्मचारी अजय मोरे को रखने के लिए दे दिया था. जिसके चलते अजय मोरे को भी आरोपित बनाया गया है.
लेखा शाखा से वापस बुलाई फाइल
ठेकेदार सार्थक सोमानी ने बताया कि वह कई जिलों में वाल पेंटिंग का ठेका लेता है. बुरहानपुर में उसे दो टेंडर मिले थे. उसने टेंडर की शर्तों के मुताबिक 28 फरवरी को अपना काम पूरा कर दिया था. पूर्व निगमायुक्त एसके सिंह ने खुद वाल पेंटिंग कार्य की मानीटरिंग की थी. इससे पहले भी वह सगीर अहमद को अच्छी खासी रकम दे चुका था. उसकी बिल फाइल ओके होकर लेखा शाखा में भी पहुंच गई थी. सगीर अहमद ने फाइल को वहां से वापस बुला लिया और राशि भुगतान से पहले डेढ़ लाख रुपये की मांग शुरू कर दी. इसकी रिकार्डिंग भी लोकायुक्त के पास है. परेशान होकर आखिरकार उसने 28 अप्रैल को एसपी लोकायुक्त इंदौर से शिकायत की थी
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंदौर, जबलपुर सहित कई शहरों में करोड़ों की धोखाधड़ी में फरार आरोपित केपी सिंह सहित 3 गिरफ्तार
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