नई दिल्ली. सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रहा भारत आने वाले समय में सेमीकंडक्टर का हब बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकंडक्टर के ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत को एक मुख्य भागीदार के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में भारत का प्रयास जारी है. बेंगलुरु में आयोजित तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस-2022 के उद्घाटन मौके पर प्रधानमंत्री ने यह बात कही. उन्होंने सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में बदलाव हो रहा है. इस मौके को भुनाने के लिए भारत को हाई टेक, अच्छी गुणवत्ता वाले और विश्वसनीय उत्पादों पर फोकस करना चाहिए. सेमीकंडक्टर भी उन्हीं में से एक है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर कई तरीकों से अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. हम सभी का सामूहिक प्रयास भारत को ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक मुख्य भागीदार के रूप में स्थापित करना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तकनीक और जोखिम लेने की भूख है. हमने एक सहायक नीतिगत वातावरण के माध्यम से जहां तक संभव हो बाधाओं को दूर किया है. हमने दिखा दिया है कि भारत का मतलब व्यापार है.
इन कारणों से बनेगा सेमीकंडक्टर हब
प्रधानमंत्री ने उन छह कारणों को गिनाया जिसकी वजह से भारत सेमीकंडक्टर और टेक्नोलॉजी के लिए एक आकर्षक गंतव्य होगा. पहला, 130 करोड़ से अधिक भारतीयों को जोडऩे के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है. दूसरा, भारत अगली टेक क्रांति का रास्ता तैयार कर रहा. यहां 5जी, आईओटी और क्लीन एनर्जी टेक का विस्तार हो रहा है. तीसरा, भारत मजबूत आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा है. भारत के पास दुनिया का सबसे तेजी से बढऩे वाला स्टार्टअप इको-सिस्टम है. 2026 तक भारत की सेमीकंडक्टर की खपत 80 अरब डॉलर के पार चली जाएगी. जबकि 2030 तक इसके 110 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है. चौथा, भारत में कारोबार को आसान बनाने के लिए व्यापक सुधार किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इसका पांचवां कारण यह है कि हम 21वीं सदी की जरूरतों के लिए युवा भारतीयों के कौशल और प्रशिक्षण में भारी निवेश कर रहे हैं. हमारे पास एक असाधारण सेमी-कंडक्टर डिजाइन टैलेंट पूल है जो दुनिया के 20 फीसदी सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों को बनाता है. उन्होंने बताया कि भारत में इस समय दुनिया की शीर्ष 25 कंपनियों के सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर मौजूद हैं. छठा, हमने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को बदलने की दिशा में कई उपाय किए हैं. वह भी ऐसे समय में जब सारी दुनिया महामारी से लड़ रही थी. भारत न केवल लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा था बल्कि अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को भी सुधार रहा था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के शकूरपुर में हिंसक झड़प के बाद इलाके में भारी तनाव
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