अभिमनोजः मध्यप्रदेश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं , आम नागरिक की आजादी खतरे में पड़ती जा रही?

अभिमनोजः मध्यप्रदेश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं , आम नागरिक की आजादी खतरे में पड़ती जा रही?

प्रेषित समय :08:30:30 AM / Wed, May 4th, 2022

नजरिया. जैसे-जैसे निजीकरण बढ़ रहा है, पनप रहा है, आम नागरिक की आजादी खतरे में पड़ती जा रही है? खबर है कि भोपाल के बंसल अस्पताल के गार्ड ने  मध्यप्रदेश के न्यूज चैनल के प्रमुख पत्रकार गोविंद गुर्जर के साथ ही मारपीट कर दी, इस हमले में उन्हें गंभीर चोट आई है. उल्लेखनीय है कि गोविंद गुर्जर के परिजनों की कार का मंगलवार को एक्सीडेंट हो गया, उनके परिजनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्टाफ ने बंसल हॉस्पिटल में एडमिट कराया, वे अस्पताल में भर्ती अपने बच्चों से मिलने पहुंचे थे, इसी दौरान बदतमीजी से पेश आते हुए वहां मौजूद गार्ड ने उन पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया, जिसके कारण उनके चेहरे, सिर में चोटें आई हैं. 

देश के प्रमुख पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट किया.... Shyam Meera Singh @ShyamMeeraSingh राष्ट्रवादी एंकर @navikakumar के चैनल टाइम्स नाउ के पत्रकार- गोविंद गुर्जर के बच्चों और परिवारजनों का एक्सिडेंट हो गया, वे जब अस्पताल में उनसे मिलने गए तो अस्पताल के गार्ड्स ने उनकी ये हालत कर दी, ये नॉर्मल पत्रकार नहीं हैं बल्कि चैनल के MP हेड हैं, खुद देख लीजिए क्या हुआ है....
https://twitter.com/i/status/1521472565566267392
ये भोपाल के बंसल हॉस्पिटल का मामला है, टाइम्स नाउ के पत्रकार गोविंद को अस्पताल वालों ने इतना पीटा कि वे शिवराज चौहान से अपील करते करते-करते रोने लगे....
https://twitter.com/i/status/1521471080262557696
https://twitter.com/i/status/1521465930332524544

लोकेन्द्र पाराशर Lokendra parashar @LokendraParasar राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार गोविंद गुर्जर के साथ जो घटना हुई है, उसे गंभीरता से लिया गया है, मुख्यमंत्रीजी और गृहमंत्रीजी ने घटना के बारे में संपूर्ण जानकारी जुटाने और समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं, आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे.... @DGP_MP
जिस तरह से देश में तेजी से निजीकरण हो रहा है, उसी के मद्देनजर पल-पल इंडिया (प्रदीप द्विवेदी, 24 अगस्त 2021) में लिखा था- यह तो देश की आजादी बेची जा रही है! क्या बीजेपी में कोई नेता नहीं, जो इसका विरोध कर सके?
आप किसी सरकारी अस्पताल में जाएं और किसी प्राइवेट अस्पताल में जाएं, क्या फर्क महसूस करते हैं? हो सकता है प्राइवेट अस्पताल में सरकारी अस्पताल से ज्यादा सुविधाएं हों, हो सकता है प्राइवेट अस्पताल के कर्मचारी सरकारी अस्पताल से बेहतर सेवाएं देते हों, लेकिन जो आजादी सरकारी अस्पताल में है, वह प्राइवेट अस्पताल में नहीं है, जो बराबरी सरकारी अस्पताल में है, वह प्राइवेट अस्पताल में नहीं होगी, मतलब.... यदि कोई सरकारी संस्था बेची जा रही है, तो वह सीधे-सीधे जनता की आजादी किश्तों में बेची जा रही है?

सरकार की जिम्मेदारी तो यह है कि सरकारी संस्थाओं में जो कमियां हैं उन्हें दूर करे, कर्मचारियों को बेहतर कार्य करने के लिए पाबंद करे, यह नहीं कि इन कमियों के मद्देनजर संस्थाओं को प्राइवेट हाथों में सौंप दे! हो सकता है, कोई सरकारी संस्था घाटे में चल रही हो, लेकिन यदि वह जनउपयोगी है, तो सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे आर्थिक संरक्षण प्रदान करे, घाटे के नाम पर अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं दे दे! खबर है कि राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि- उन्होंने सब कुछ बेच दिया! देशहित में तो ऐसे सरकारी बेचान के खिलाफ बीजेपी के अंदर से आवाज आनी चाहिए थी, लेकिन.... क्या बीजेपी में कोई नेता नहीं है, जो राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना का विरोध कर सके?

राहुल गांधी का साफ कहना है कि- हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है. हमारा निजीकरण तार्किक था. घाटे वाली कंपनी का निजीकरण करते थे ना कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण विभाग का लेकिन अब निजीकरण मोनोपोली बनाने के लिए किया जा रहा है. मोनोपॉली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा! उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने युवाओं के हाथों से रोजगार छीन लिया और पीएम मोदी अपने ‘मित्रों’ की मदद कर रहे हैं, जबकि कोरोना में सरकार ने कोई मदद नहीं की. राहुल गांधी ने कहा- सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं. ये तीन-चार लोगों को दिया जा रहा है, आपका भविष्य बेचा जा रहा है. तीन-चार लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है.

खबरों की माने तो उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि- सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया. उल्लेखनीय हैे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन का ऐलान किया था, जिसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें, स्टेडियम आदि का मुद्रीकरण शामिल है.

इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास होगा. इतना ही नहीं, निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है. इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जब भी देश की आजादी किश्तों में बेचने का इतिहास लिखा जाएगा, बीजेपी नेताओं की खामोशी जरूर दर्ज की जाएगी! क्योंकि, खामोश रहकर बीजेपी, वर्तमान मोदी-सत्ता को तो भले ही बचा लेगी, परन्तु देश के बच्चों के भविष्य पर जरूर प्रश्न-चिन्ह लग जाएगा?
और.... इन बच्चों में केवल मोदी सरकार के फैसलों का विरोध करने वालों के बच्चे ही नहीं होंगे, मौन रह कर मोदी की गलत नीतियों का समर्थन करने वालों के भी बच्चे शामिल होंगे!

अभिमनोजः निजीकरण के मुद्दे पर मौन क्यों मोदी सरकार? वरुण गांधी को तो जवाब दो!
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1496300391080017920
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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