कोलंबो. आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका में राजनीतिक घमासान जारी है. इसी बीच देश में शनिवार को 12 घंटे के लिए कफ्र्यू हटाया गया और कड़े प्रतिबंधों में ढील दी गई. वहीं नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को मंत्रिमंडल में 4 मंत्रियों को शामिल किया. सभी 4 मंत्री राष्ट्रपति की श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी के हैं, जबकि विक्रमसिंघे यूनाइटेड नेशनल पार्टी के हैं.
इस बीच श्रीलंका की एक अदालत ने शुक्रवार को आपराधिक जांच विभाग को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और 6 अन्य को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. इन पर कथित तौर पर आपराधिक धमकी देने और इस हफ्ते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हमले के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगा है. श्रीलंका में अधिकांश विपक्षी दलों ने घोषणा की कि वे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में शामिल नहीं होंगे. लेकिन बाहर से ही आर्थिक सुधार कार्यक्रम का समर्थन करेंगे.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के एसएलपीपी के निर्दलीय समूह के विधायक विमल वीरावांसा ने कहा कि हम इस राजपक्षे-विक्रमसिंघे सरकार का हिस्सा नहीं बन सकते. पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की एसएलएफपी सेंट्रल कमेटी ने भी सरकार का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री और यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा और उनकी पार्टी को एक मिली-जुली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. नए पीएम विक्रमसिंघे ने विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया के नेता प्रेमदासा को एक लेटर लिखा है.
उन्होंने प्रेमदासा से हाथ मिलाने और श्रीलंका में एक स्थिर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया. विक्रमसिंहे ने कहा कि देश में एक मिली-जुली सरकार बनाने के इस निमंत्रण पर विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-श्रीलंका संकट: हिंसा में 8 लोगों की मौत, नेताओं के घर आग के हवाले
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