चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि सेवानिवृत कर्मचारी का गोद लिया बच्चा भी फैमिली पेंशन का हकदार होगा. हाई कोर्ट ने रिटायर्ड कर्मचारी द्वारा गोद ली गई बेटी को फैमिली पेंशन देने से इनकार करने के हरियाणा सरकार के फैसले को गलत करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने अब सरकार को 2006 में पिता की मौत की तिथि से फैमिली पेंशन जारी करने का आदेश दिया है.
याचिका दाखिल करते हुए यमुनानगर निवासी राजबाला ने हाई कोर्ट को बताया कि गुग्गु राम पीडब्ल्यूडी में बेलदार के तौर पर काम करते थे. 1993 में वह रिटायर हुए थे और उनकी कोई संतान नहीं थी. इसके बाद उन्होंने याची को 1995 में गोद ले लिया और इसके दस्तावेज तैयार करवा लिए. याची ने बताया कि 2006 में उसके पिता की मौत हो गई और 2017 में याची ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया. फैमिली पेंशन देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया गया कि याची को उसके पिता ने रिटायरमेंट के बाद गोद लिया था, ऐसे में वह पेंशन की हकदार नहीं है.
हाई कोर्ट ने कहा कि रिटायरमेंट से पहले गोद लिए गए बच्चे और बाद में गोद लिए गए बच्चे में भेदभाव करना संविधान के खिलाफ है. यदि ऐसा किया गया तो कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गोद लिए गए बच्चे को परिवार की परिभाषा से बाहर करने जैसा होगा. हाई कोर्ट ने कहा कि याची मृतक पिता की कानूनन बेटी है और ऐसे में फैमिली पेंशन के लिए पूरी तरह से पात्र है.
हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि याची के पिता की मृत्यु की तिथि से उसे फैमिली पेंशन की लंबित राशि जारी की जाए. हाई कोर्ट ने कहा कि याची ने पिता की मौत के 11 साल बाद फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया है, ऐसे में वह इस राशि का ब्याज की हकदार नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब: जेलों से 50 दिन में 710 मोबाइल फोन जब्त, वीवीआईपी कैदियों के सेल बंद करेगी सरकार
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