जबलपुर. रेलमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने बड़ी संख्या में ग्रुप डी में बिहार के लोगों को नौकरी लगवाई. यह नौकरी पहले अस्थायी तौर पर विभिन्न रेल जोनों में लगाई गईं, बाद में कुछ समय बाद उन्हें स्थायी कर दिया गया. यही नहीं कुछ माह के अंदर ही ऐसे नौकरी पाये लोगों का तबादला भी उनके गृह क्षेत्र में कर दिया गया. सीबीआई ने ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के 17 ठिकानों पर दबिश दी है. साथ ही लालू के खासमखास नौकरी पाये रेल कर्मचारियों की जानकरी भी जुटाई जा रही है.
दरअसल रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव पर यह आरोप लगातार लगते रहे कि उनके कार्यकाल के दौरान बिहार के हजारों लोगों को पूरे देश में ग्रुप डी में भर्ती कराई गई थी. यह भर्ती महाप्रबंधकों के विशेष अधिकार के तहत अस्थायी नियुक्ति देकर की गई थी. बाद में कुछ माह बाद इन अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी कर दिया गया. बाद में जो कर्मचारी अपने गृह क्षेत्र मेें तबादला चाहता था, उनका तबादला भी मनमाफिक रेल मंडल/स्टेशनों पर कर दिया गया.
जबलपुर में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई थीं
बताया जाता है कि पश्चिम मध्य रेल जोन में भी रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में भर्तियां हुई थीं. उस समय के आला अधिकारी, लालू प्रसाद यादव की ओर से मिलने वाली सूची में शामिल युवाओं की बड़ी आवभगत करते और उन्हें सारी सुख-सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती थीं. ऐसे अस्थायी कर्मचारियों के माध्यम से कई तत्कालीन अधिकारी लालू यादव के दरबार तक अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहे. खासकर इंजीनियरिंग, आपरेटिंग विभाग में ऐसे कर्मचारियों की काफी पदस्थापना रही. बताते हैं कि लालू यादव के कार्यकाल के दौरान नियुक्ति पाये अधिकांश कर्मचारी अपने-अपने गृह क्षेत्र में पदस्थ हैं, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जो जबलपुर मंडल में ही पदस्थापित हैं. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में सीबीआई, पमरे के अधिकारियोंं से ऐसे कर्मचारियों की जानकारी मांग सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिलासपुर से भोपाल, जबलपुर के बीच 5 जून से शुरू होगी उड़ान सेवा
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