सीएम चौहान ने समरसता बढ़ाने शुरू की पहल, खत्म होंगे ग्वालियर में 4 साल पहले हुई हिंसा के मामले

सीएम चौहान ने समरसता बढ़ाने शुरू की पहल, खत्म होंगे ग्वालियर में 4 साल पहले हुई हिंसा के मामले

प्रेषित समय :10:30:54 AM / Mon, May 23rd, 2022

ग्वालियर. मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवर्ण और दलित के बीच बनी खाई को पाटने की पहल की. उन्होंने ग्वालियर में 2 अप्रैल 2018 को हुई हिंसा के मामले में 2 अहम बैठकें की. सीएम ने अलग-अलग बैठकों में अनुसूचित जाति और सवर्ण समाज के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. उसके बाद सीएम ने कहा कि आज सामाजिक समरसता के नए युग का प्रारंभ हो रहा है.

उञन्होंने बताया कि ग्वालियर-चंबल संभाग में दोनों समाजों ने इच्छा प्रकट की है कि उनके बीच खाई नहीं रहनी चाहिए. इसलिए जल्द ही हिंसा के दौरान बने प्रकरणों को खत्म करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी. सीएम चौहान ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में ये बैठकें की. इनमें 2018 में ग्वालियर-चंबल में हुई हिंसा के बाद दोनों वर्गों में समरसता बढ़ाने पर चर्चा की गई.

बैठक में दोनों समाजों के प्रतिनिधियों से सीएम ने सामंजस्य के साथ आगे बढऩे की अपील की. दोनों ही पक्षों ने उनकी पहल पर अपनी सहमति जताई और हिंसा के दौरान बने प्रकरणों को वापस लेने की गुजारिश की. बैठक के बाद सीएम ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से जो वैमनस्यता पैदा हुई थी, समरसता टूटी थी, उस खाई को समाप्त किया जाए.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उस समय दोनों तरफ से कई प्रकरण बने थे. दोनों पक्षों ने प्रकरणों को वापस लेने की मांग की है. सीएम ने कहा कि मां के दूध में दरार नहीं डालनी चाहिए,  दिलों को एक होना चाहिए. आज मेरे मन में एक संतोष है कि हमारा समाज टूटेगा नहीं. हम मिलकर साथ चलेंगे और इस दिशा में सरकार पूरी गंभीरता से कदम उठाएगी.

गौरतलब है कि 2 अप्रैल 2018 को एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन हुआ था. भारत बंद के दौरान दो पक्षों के बीच विवाद के बाद जमकर हिंसा हुई थी. उसमें पूरे ग्वालियर चंबल अंचल में हिंसा के दौरान 7 लोगों की मौत हुई थी. 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हिंसा के बाद ग्वालियर चंबल कई दिनों तक कफ्र्यू की चपेट में रहा. इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. ग्वालियर, भिंड, मुरैना में दर्जनों एफआईआर दर्ज हुई थीं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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