काठमांडू. नेपाल की तारा एयरलाइंस के विमान के क्रैश होने की सोमवार सुबह पुष्टि हो गई. नेपाल आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर इसका मलबा मिला है. विमान में 4 भारतीय और 3 क्रू मेंबर समेत 22 लोग सवार थे. 16 शव बरामद हो चुके हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सर्च ऑपरेशन में शामिल माउंटेन गाइड नरेंद्र शाही के हवाले से कहा, एयरक्राफ्ट के कई टुकड़े हुए हैं. किसी के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है. एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था. सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन जारी है.
एयक्राफ्ट पहाड़ी से टकराया, लेकिन आग नहीं लगी
नेपाल की इंग्लिश न्यूज वेबसाइट ने क्रैश साइट पर सबसे पहले पहुंचने वाले स्थानीय नागरिक इंदा सिंह दाना से बातचीत की. दाना ने कहा- प्लेन का मलबा 100 मीटर इलाके में ही बिखरा है, लेकिन यहां पहुंचना बेहद मुश्किल है. एयरक्राफ्ट के मलबा देखकर ये साफ समझ आता है कि उसमें आग नहीं लगी थी, क्योंकि जलने के निशान कहीं नहीं हैं. वो साफ तौर पर किसी पहाड़ी से टकराया था. इलाके में बर्फबारी और घना कोहरा है. यहां से शव निकालना भी फिलहाल बेहद मुश्किल नजर आ रहा है. किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है. चूंकि, एयरक्राफ्ट क्रैश होने के दौरान आग नहीं लगी थी, लिहाजा हादसे का शिकार हुए सभी लोगों के चेहरे पहचाने जा सकते हैं.
क्रैश हुए प्लेन में ठाणे की फैमिली
प्लेन में महाराष्ट्र के ठाणे के एक परिवार के चार लोग भी सवार थे. नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा है कि ठाणे के अशोक त्रिपाठी(54), उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर-त्रिपाठी(51), बेटा धनुष त्रिपाठी(22) और बेटी ऋतिका त्रिपाठी(18) भी यात्रा कर रही थीं. सभी नेपाल के पोखरा स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नेपाल में तारा एयर के विमान का एटीसी से संपर्क टूटा, 4 भारतीयों सहित 22 लोग हैं सवार
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