नजरिया. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के इरादे से योगी सरकार ने दमदार कदम उठाया है, मंत्रियों से तो हर साल अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति का ब्योरा देने को कहा ही गया है, पीसीएस अधिकारियों के लिए भी हर साल अपने बैंक बैलेंस, ज्वेलरी, बंगला, गाड़ी, प्लॉट सहित पूरी सम्पत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है?
यही नहीं, इसके लिए एनआईसी के जरिए स्पैरो-यूपी पोर्टल भी तैयार हो गया है!
खबरें हैं कि इस पोर्टल पर पीसीएस अधिकारियों को प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी से 21 जनवरी के बीच अपनी संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा प्रस्तुत करना होगा, जिसके लिए अधिकारियों को इसका लॉग इन और पासवर्ड दे दिया गया है.
याद रहे, आईएएस अधिकारियों के लिए नियमितरूप से अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पहले से अनिवार्य है, जो स्पैरो सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन देना होता है, अब यूपी सरकार ने पीसीएस अफसरों के लिए भी यह व्यवस्था लागू कर दी है.
खबरों की मानें तो यूपी में हर पीसीएस अधिकारी को प्रत्येक वर्ष 1 से 21 जनवरी के बीच अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा और नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई होगी.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि योगी सरकार जिस तरह कार्य कर रही है उससे पीएम मोदी के सापेक्ष सीएम योगी का कद लगातार बढ़ता जा रहा है, योगी सरकार जिस तरह के सख्त निर्णय ले रही है, उससे भले ही तत्काल भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं हो, लेकिन काफी हद तक भ्रष्टाचार नियंत्रित जरूर होगा!
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अच्छे दिन का मोदी मॉडल फेल? अब तो योगी मॉडल लोकप्रिय हो रहा है!
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1525867758826975232
राष्ट्रगान की अनिवार्यता योगी सरकार का अच्छा फैसला!
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