दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति मैदान में एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया. दिल्लीवालों को इससे ट्रैफिक जाम को लेकर बड़ी राहत मिलने की आशा की जा रही है. इस टनल के खुलने से रिंग रोड के रास्ते सेंट्रल दिल्ली आना आसान हो जाएगा. साथ ही इससे पूवीज़् दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से इंडिया गेट और सेंट्रल दिल्ली के अन्य हिस्सों तक आसानी से लोग पहुंच सकते हैं. पीएम मोदी ने इस टनेल में बने आर्टवर्क की जम कर तारीफ की. उन्होंने कहा कि वो इससे इतने प्रभावित हुए कि वो खुली जीप से बाहर निकल कर पैदल चलने लगे. पीएम ने बच्चों को इसे दिखाने की सलाह दी.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 80 प्रतिशत फंड दिया है. जबकि 20 प्रतिशत फंड आईटीपीओ की तरफ से दिया गया है. पीएमओ के अनुसार प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है. प्रगति मैदान टनल की कुल लंबाई 1.3 किलोमीटर है और इसकी चौड़ाई में 6 लेन है और इसकी कुल लागत 923 करोड़ रुपये आई है. इस टनल को 7 अलग-अलग रेलवे लाइन के अंदर से बनाया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों पहले भारत की प्रगति को, भारतीयों के सामथ्र्य, भारत के प्रॉडक्ट्स, हमारी संस्कृति को शोकेस करने के लिए प्रगति मैदान का निर्माण हुआ था. तबसे भारत बदल गया, भारत का सामथ्र्य बदल गया, ज़रूरतें कई गुणा बढ़ गईं, लेकिन प्रगति मैदान की ज्यादा प्रगति नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में विश्व स्तरीय कार्यक्रमों के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट सुविधाएं हों, एक्जीबिशन हॉल हों, इसके लिए भारत सरकार निरंतर काम कर रही है. आज दिल्ली को केंद्र सरकार की तरफ से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत सुंदर उपहार मिला है.
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए बीते 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किमी से करीब 400 किमी तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मुझे डिफेंस कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण का भी अवसर मिला था. हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बहुत सी अच्छी चीजें, अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें, राजनीति के रंग में फंस जाती हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि गतिशक्ति मास्टरप्लान सबको साथ लेकर, सबको विश्वास में लेकर, सबका प्रयास का ही एक माध्यम है. कोई प्रोजेक्ट लटके नहीं, सारे डिपार्टमेंट तालमेल से काम करें, हर विभाग को पूरी जानकारी हो, यही सोच को लेकर गतिशक्ति का निर्माण हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पावागढ़ के कालिका मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा, बोले- युग बदलते हैं, आस्था का शिखर शाश्वत रहता है
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