भगवान शिव की किस विधि से पूजा करें और कैसे खुश कर मनचाहा वरदान पाएं

भगवान शिव की किस विधि से पूजा करें और कैसे खुश कर मनचाहा वरदान पाएं

प्रेषित समय :21:05:20 PM / Sun, Jun 19th, 2022

इंसान, पशु-पक्षी, जलचर, नभचर, पाताललोक वासी अथवा बैकुण्ठवासी, राक्षस, भूत-प्रेत और देवता सभी देवो के देवाधिदेव महादेव की पूजा करते हैं. क्योंकि शिव पुराण कथा के अनुसार भगवान शंकर ही एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों की भक्ति भावना से शीघ्र प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं. भोलेनाथ अपने भक्तों के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. वे यह नहीं देखते कि उनकी भक्ति करने वाला कौन है. इसलिए कहा भी जाता है कि सभी देवताओं में शिव को प्रसन्न करना सबसे आसान है इसलिए तो उन्हे भोलेनाथ भी कहा जाता है. भोले भंडारी, देवो के देव महादेव भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. एक लोटा जल चढ़ा देने से प्रसन्न हो जाने वाले भगवान शंकर की पूजा कर इंसान बड़ी बड़ी बाधाओं और कष्टों से मुक्ति पा लेता है. लेकिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए अनेक नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. तो आइये हम आपको बताते हैं कि प्रतिदिन भगवान शिव की किस विधि से पूजा करें और कैसे भोलेनाथ को खुश कर मनचाहा वरदान पाएं.

शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्र
शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. शास्त्रों के मुताबिक शिव की पूजा के समय हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, पर जो लोग इसका पालन नहीं करते और किसी भी रंग के वस्त्र पहनकर पूजा कर लेते हैं उन पर शिव की कृपा नहीं होती और न ही पूजा का सही फल मिल पाता है.
इसी के साथ इन बात का भी ध्यान अवश्य रखें कि कपड़े साफ़ और सबती हो, क्योंकि ऐसे वस्त्र शुद्ध होने के साथ-साथ आरामदायक होते हैं. पूजा में ऐसे वस्त्र पहनकर बैठने से व्यक्ति का ध्यान इधर-उधर नहीं भटकटा. वहीं धार्मिक मान्यता है कि पुरुषों के लिए पूजा के दौरान धोती पहनना शुभ रहता है.

भगवान शिव पूजन विधि
भगवान भोलेनाथ के पूजन में इन बातों का विशेष ध्यान रखें. सर्वप्रथम गणेश पूजन करें. भगवान गणेश को स्नान कराएं. वस्त्र अर्पित करें. गंध, पुष्प, अक्षत अर्पित करें. अब भगवान शिव का पूजन शुरु करें. गृहस्थ जीवन में भगवान शिव की पारद प्रतिमा का पूजन सर्वश्रेष्ठ कहा गया है. सफेद आक या स्फटिक की प्रतिमा का पूजन से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है. सबसे पहले जिस मूर्ति में भगवान शिव की पूजा की जानी है. उसे अपने पूजा घर में स्थान दें. मूर्ति में भगवान शिव का आवाहन करें. भगवान शिव को अपने घर में सम्मान सहित स्थान देें. अब भगवान शिव को स्नान कराएं. स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं.

अब भगवान को वस्त्र पहनाएं. वस्त्रों के बाद आभूषण और फिर यज्ञोपवित (जनेऊ) पहनाएं. अब पुष्पमाला पहनाएं. सुगंधित इत्र अर्पित करें. अब तिलक करें. तिलक के लिए अष्टगंध या चंदन का प्रयोग करें. अब धूप व दीप अर्पित करें. भगवान शिव को धतूरा, आक के फूल विशेष प्रिय है. बिल्वपत्र अर्पित करें. 11 या 21 चावल अर्पित करें. श्रद्धानुसार घी या तेल का दीप जलाएं.
शिवलिंग की स्थापना और पूजा विधि
महादेव शिव के प्रतीक शिवलिंग को घर में स्थापित करने पर हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योकि यदि भगवान शिव भोले हैं तो उनका क्रोध भी बहुत भयंकर होता है . शिवलिंग की पूजा यदि सही नियम और विधि-विधान से की जाए तो यह अत्यन्त फलदायी होती है, परन्तु वहीं यदि शिवलिंग की पूजा में कोई त्रुटि हो जाए तो ये गलती किसी मनुष्य के लिए विनाशकारी भी सिद्ध हो सकती है.
ऐसा स्थान जहाँ पूजा न हो
शिवलिंग को कभी भी ऐसे स्थान पर स्थापित न करें जहां आप पूजन न करते हों. हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि आप शिवलिंग की पूजा पूरी विधि-विधान से न कर पा रहे हो या ऐसा करने में असमर्थ हो तो भूल से भी शिवलिंग को घर पर न रखे, क्योकिं यदि कोई व्यक्ति घर पर शिवलिंग स्थापित कर उसकी विधि विधान से पूजा नहीं करता तो यह महादेव शिव का अपमान माना जाता है, इस प्रकार वह व्यक्ति किसी अनर्थ को आमंत्रित करता है.
शिवलिंग किस धातु का हो
शिवलिंग को पूजा घर में स्थापित करने से पूर्व यह ध्यान रखे की शिवलिंग में धातु का बना एक नाग लिपटा हुआ हो. शिवलिंग सोने, चांदी या ताम्बे से निर्मित होना चाहिए.
शिवलिंग को रखे जलधारा के नीचे
यदि आपने शिवलिंग को घर पर रखा है तो ध्यान रहे की शिवलिंग पर सदैव जलधारा बरकरार रहे अन्यथा वह नकरात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
कौन सी मूर्ति हो शिवलिंग के समीप
शिवलिंग के समीप सदैव गोरी व गणेश की मूर्ति होनी चाहिए. शिवलिंग कभी भी अकेले नहीं होना चाहिए .
भगवान शिव व शिवलिंग की पूजा के दौरान भूलकर भी न चढ़ाएं ये चाजें
1- भूल से भी न चढ़ाएं केतकी का फूल
पुराणों में केतकी के फूल को शिव पर न चढ़ाने के पीछे एक कथा छिपी है इस कथा के अनुसार जब एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी माया से प्रभावित होकर अपने आपको एक -दूसरे से सर्वश्रेष्ठ बताने लगे तब महादेव उनके सामने एक तेज प्रकाश के साथ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए. ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु से कहा की आप दोनों में जो भी मेरे इस रूप के छोर को पहले पा जाएगा वह सर्वशक्तिमान होगा.
भगवान विष्णु शिव के ज्योतिर्लिंग के ऊपरी छोर की ओर गए तथा ब्रह्मा जी नीचे के छोर की ओर गए. काफी दूर चलते चलते भी जब दोनों थक गए तो भगवान विष्णु ने शिव के सामने अपनी पराजय स्वीकार ली है परन्तु ब्रह्मा जी ने अपने पराजय को छुपाने के लिए एक योजना बनाई. उन्होंने केतकी के पुष्पों को साक्षी बनाकर शिव से कहा की उन्होंने शिव का अंतिम छोर पा लिया है. ब्रह्मा जी के इस झूठ के कारण शिव ने क्रोध में आकर उनके एक सर को काट दिया तथा केतकी के पुष्प पर भी पूजा अर्चना में प्रतिबंध लगा दिया.
2- तुलसी पर प्रतिबंध
शिव पुराण की एक कथा के अनुसार जालंधर नामक एक दैत्य को यह वरदान था की उसे युद्ध में तब तक कोई नहीं हरा सकता जब तक उसकी पत्नी वृंदा पतिव्रता रहेगी, उस दैत्य के अत्याचारों से इस सृष्टि को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रता होने का संकल्प भंग किया व महादेव ने जलंधर का वध. इसके बाद वृंदा तुलसी में परिवर्तित हो चुकी थी व उसने अपने पत्तियों का महादेव की पूजा में प्रयोग होने पर प्रतिबंध लगा दिया. यही कारण की है कि शिवलिंग की पूजा पर कभी तुलसी के पत्तियों का प्रयोग नहीं किया जाता.
3- हल्दी पर रोक
हल्दी का प्रयोग स्त्रियां अपनी सुंदरता निखारने के लिए करती है व शिवलिंग महादेव शिव का प्रतीक है अत: हल्दी का प्रयोग शिवलिंग की पूजा करते समय नहीं करनी चाहिए.
4- कुमकुम का उपयोग
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कुमकुम का प्रयोग एक हिन्दू महिला अपने पति के लम्बी आयु के लिए करती है, जबकि भगवान शिव विध्वंसक की भूमिका निभाते है अत: संहारकर्ता शिव की पूजा में कभी भी कुमकुम का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
5- नारियल पानी
नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए मान्यता के अनुसार नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है. लेकिन कहा जाता है कि शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय
अगर आप भी चाहते हैं कि बाबा भोलेनाथ की कृपा आप पर बरसे और आपके जीवन में खुशहाली आए. तो उसके लिए हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप भगवान शिव को असानी से खुश कर सकते हैं.
1- भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है. साथ ही अगर आप एक लोटा पानी भी भोलेनाथ पर सच्चे मन से अर्पित करें तो वह उससे भी प्रसन्न हो जाएंगे.
2- भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए डमरू जरूर बजाएं और बम बम भोले बम बम भोले कहने से आपको कृपा मिलेगी.
3- सावन के महीने में शिव की उपासना करना बेहद शुभ रहता है. उस दौरान आप प्रतिदिन सुबह की पूजा में 21 बिल्वपत्रों पर चंदन के ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं जल्दी ही पूरी होगी.
4- गृहस्थ सुख चाहने वालों को पत्थर के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए.
5- अगर आपके शादी में किसी भी तरह की अड़चनें आ रही हैं तो ऐसे में आप सावन के महीने में रोजना शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध जरूर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपकी जल्दी ही शादी के योग बनाएंगे.
6- हर हफ्ते बुधवार के दिन बैल या गाय को हरा चारा खिलाएं ऐसा करने से आपको सुख – समृद्धि की प्राप्ति होगी
7- गरीबों को भोजन करने से आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलेगी
8- शिवरात्री के दिन शिव मंदिर के दर्शन करने से भगावान भोले नाथ वरदान देते हैं. कैलाश मानसरोवर के दर्शन करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
मेष राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न
1- इस राशि का स्वामी मंगल है और मंगल का पूजन शिवलिंग रूप में ही किया जाता है.
2- इस राशि के लोग शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दही अर्पित करें.
3- भोलेनाथ को धतुरा भी अर्पित करें.
4- कर्पूर जलाकर भगवान की आरती करें.
वृषभ राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- वृष राशि के लोग किसी भी शिव मंदिर जाएं.
2- भगवान शिव को गन्ने के रस से स्नान करवाएं.
3- इसके बाद मोगरे का इत्र शिवलिंग पर अर्पित करें.
4- अंत में भगवान को मिठाई का भोग लगाएं व आरती करें.
मिथुन राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इस राशि वालों के लिए स्फटिक के शिवलिंग की पूजा श्रेष्ठ है.
2- यदि स्फटिक का शिवलिंग उपलब्ध न हो तो किसी अन्य शिवलिंग का पूजन किया जा सकता है.
3- मिथुन राशि के लोग लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, इत्र आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें.
4- आक के फूल अर्पित करें.
5- मीठा भोग लगाकर आरती करें.
कर्क राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इस राशि वालों को अष्टगंध व चंदन से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए.
2- बैर व आटे से बनी रोटी का भोग लगाकर शिवलिंग का पूजन करें.
3- शिवलिंग पर प्रतिदिन कच्चा दूध अर्पित करें और साथ ही जल भी चढ़ाएं.
सिंह राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इस राशि के लोगों को फलों के रस व पानी में शक्कर घोलकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
2- शिवजी को आंकड़े के पुष्प अर्पित कर मिठाई का भोग लगाएं.
3- पुष्प के साथ ही बिल्व पत्र भी अर्पित करें.
कन्या राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- कन्या राशि वाले जातक महादेव को बैर, धतुरा, भांग और आंकड़े के फूल अर्पित करें.
2- बिल्व पत्र पर रखकर नैवेद्य भी अर्पित करें.
3- अंत में कर्पूर मिश्रित जल से अभिषेक कराएं.
4- शिवजी के पूजन के बाद आधी परिक्रमा अवश्य करें.
5- माना जाता है कि ऐसा करने पर बहुत ही जल्द शुभ फल प्राप्त होते हैं.
तुला राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- तुला राशि के लोग जल में तरह-तरह फूल डालकर उस जल से शिवजी का अभिषेक करें.
2- इसके बाद बिल्व पत्र, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन आदि भोलेनाथ को अर्पित करें.
3- अंत में आरती करें.
वृश्चिक राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इन लोगों को शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
2- शहद, घी से स्नान कराने पश्चात पुन: जल से स्नान कराएं और पूजन कर आरती करें.
3- लाल रंग के पुष्प अर्पित करें.
4- पूजन के बाद मसूर की दाल का दान करें.
धनु राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- धनु राशि के लोग भात यानी चावल से शिवलिंग का श्रृंगार करें.
2- पहले चावल को पका लें, इसके बाद पके हुए चावल को ठंडा करके शिवलिंग का श्रृंगार करें.
3- सुखे मेवे का भोग लगाएं.
4- बिल्व पत्र, गुलाब आदि अर्पित करके आरती करें.
मकर राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- आप गेंहू से शिवलिंग को ढंककर, विधिवत पूजन करें.
2- पूजन-आरती पूर्ण होने के बाद गेंहू का दान जरूरतमंद लोगों को कर दें.
3- इस उपाय से आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं.
कुंभ राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इस राशि के लोग सफेद-काले तिल को मिलाकर किसी ऐसे शिवलिंग पर चढाएं जो एकांत स्थान में स्थित हो.
2- जल में तिल डालकर शिवलिंग को अच्छे से स्नान कराएं.
3- इसके बाद काले-सफेद तिल अप्रित करें, पूजन के आद आरती करें.
मीन राशि वाले भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न 
1- इस राशि के लोगों को रात में पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन करना चाहिए.
2- इस समय ‘ऊँ नम: शिवाय’ का पैंतीस (35) बार उच्चारण कर बिल्व पत्र चढ़ाएं व आरती करें.
3- शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाएं और पूजन के बाद इसका दान करें.

Koti Devi Devta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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