जूनागढ़. पाकिस्तान की जेल में बंद गुजरात के 20 मछुआरे गुरुवार 23 जून को अपने-अपने घर पहुंच गए. ये मछुआरे वाघा बॉर्डर से वडोदरा होते हुए वेरावल पहुंचे हैं. यहां पर मत्स्य विभाग के परिसर में परिजनों ने सभी का फूल मालाओं से स्वागत किया. इस दौरान भावुक कर देना वाला भी नजारा दिखाई दिया, क्योंकि मछुआरे अपने परिवार के लोगों से पांच वर्ष के बाद मिल रहे थे.
पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) की ओर से 5 साल पहले इन मछुआरों का अपहरण कर लिया गया था. इन्हें छुड़ाने के लिए भारतीय मछुआरा एसोसिएशन की ओर से गुहार लगाई गई थी. रिहा होने वाले मछुआरों में सौराष्ट्र के तीन जिलों के हैं. इनमें गिर सोमनाथ जिले के 13, देवभूमि द्वारका जिले के 6 व जामनगर जिले का एक मछुआरा शामिल है. अब भी पाकिस्तान की जेलों में 642 भारतीय मछुआरे बंद हैं.
मजदूरी करूंगा, लेकिन मछली नहीं पकड़ूंगा
अरबी समुद्र में मछली पकड़ते समय अनेक भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी मरीन सिक्यूरीटी द्वारा गिरफ्तार हो जाते हैं. इसके बाद भारतीय मछुआरों की बोट के साथ मछुआरों का अपहरण कर लेने के बाद उन्हें जेल में धकेला जाता है. भारत सरकार के प्रयासों से बंधक बने भारतीय मछुआरों को समय समय पर पाकिस्तान की जेल से रिहा किया जाता है. इसी क्रम में गुरुवार को 20 मछुआरों को पाकिस्तानी जेल से रिहा किया गया. इस दौरान एक मछुआरे ने बताया कि मेहनत मजदूरी करूंगा, लेकिन भविष्य में कभी भी मछली पकडऩे का काम नहीं करूंगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए 20 भारतीय मछुआरे, इतने लोग अभी भी हैं कैद, इस कारण हुए थे गिरफ्तार
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