हरिद्वार. उत्तराखंड में 3 मई से शुरु हुई तीर्थयात्रा के बाद से अब तक 203 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. ये मौतें कार्डियक अरेस्ट और अन्य बीमारियों के कारण हुई है. इसकी जानकारी उत्तराखंड इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने दी है. इन 203 यात्रियों में केदारनाथ यात्रा में 97, बद्रीनाथ धाम में 51, गंगोत्री में 13 और यमुनोत्री में 42 तीर्थयात्री शामिल हैं.
इस साल केदारनाथ यात्रा सहित चार धाम यात्रा 3 मई से शुरू की गई है, जहां अब तक 25 लाख से ज्यादा लोग यात्रा कर चुके हैं. हालांकि, पिछले एक हफ्ते में यात्रियों की संख्या में कम हुई है.
राज्य सरकार ने किया था अलर्ट जारी
चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की भीड़ को देखते हुए पहले ही राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया था. साथ ही हिमालय के मंदिरों की यात्रा करने से पहले स्वास्थ्य की जांच कराने के आदेश भी दिए थे. यात्रा शुरू होने के बाद से ही दर्शन के लिए श्रद्धालु भारी मात्रा में पहुंच रहे थे, जिसे लेकर कुछ दिनों पहले ही प्रशासन ने वीआईपी एंट्री पर भी रोक लगा दी थी.
श्रद्धालुओं के लिए कोविड सर्टिफिकेट जरूरी नहीं
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं है. चारधाम यात्रा के दौरान राज्य सरकार ने ऐसे तीर्थयात्रियों के लिए न तो हेल्थ फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी किया था और न ही तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई सीमा तय की थी. इसके अलावा कोविड निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी अनिवार्य नहीं किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए रिकॉर्ड 12.83 लाख तीर्थयात्री पहुंचे उत्तराखंड, अब तक 106 की मौत
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