चंडीगढ़. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 47 वीं जीएसटी परिषद की बैठक आज बुधवार को समाप्त हो गई. चंडीगढ़ में हुई इस बैठक में जीएसटी के संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. बैठक में अधिक वस्तुओं को जीएसटी दायरे में लाने का फैसला किया गया.
बैठक से निकले कई फैसले आम आदमी की जेब को प्रभावित करेंगे. जीएसटी परिषद ने पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया है. अनाज सहित अनपैक्ड आइटम भी पैक किए जाने पर उसी दर पर जीएसटी के दायरे में होंगे. बैठक में चार जीओएम ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं.
18 जुलाई से लागू होंगी नई दरें
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जीएसटी परिषद द्वारा छूट और टैक्स स्लैब में सुधार के फैसले इस साल 18 जुलाई से लागू होंगे. बजाज के बयान देने से पहले सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी परिषद ने टैक्स में छूट और सुधार पर जीओएम की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है.
यह उत्पाद होंगे महंगे
पैकेज्ड फूड- जीएसटी पैनल ने पैक किए गए खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. अब तक, ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि पर जीएसटी से छूट दी गई थी. जीएसटी परिषद ने कहा कि प्री-पैक, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित, प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक से छूट के दायरे को संशोधित करने की सिफारिश की गई है. यानी ये सबी चीजें महंगी हो जाएंगी.
बैंक चेक बुक जारी करना- बैंकों द्वारा चेक (बुक फॉर्म में) जारी करने के लिए शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा.
होटल के कमरे- जीएसटी परिषद ने 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है.
अस्पताल के बिस्तर- अस्पताल द्वारा प्रति रोगी प्रति दिन 5000 रुपये से अधिक के कमरे के किराये (आईसीयू को छोड़कर) पर 5 फीसदी जीएसटी.
एलईडी लाइट्स, लैंप्स- एलईडी लाइट्स, फिक्स्चर, एलईडी लैंप की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. जीएसटी काउंसिल ने इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में 12 फीसदी से 18 फीसदी तक सुधार की सिफारिश की है.
चाकू- काटने वाले ब्लेड के साथ चाकू, पेंसिल शार्पनर और उसके लिए ब्लेड, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स, केक-सर्वर आदि को 12 प्रतिशत स्लैब से ऊपर 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत रखा गया है.
पंप और मशीनें- डीप ट्यूबवेल टर्बाइन पंप, सबमर्सिबल पंप, साइकिल पंप को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया है. सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग, बीज, अनाज दालों के लिए मशीनें भी इसी दायरे में आएंगी. मिलिंग उद्योग में या अनाज आदि के काम करने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनरी, पवन चक्की जो कि हवा आधारित आटा चक्की है, गीली चक्की पर भी पहले के 12 प्रतिशत के विपरीत 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लगेगी.
क्या सस्ता होगा
रोपवे राइड्स- जीएसटी परिषद ने इनपुट टैक्स क्रेडिट सेवाओं के साथ रोपवे के माध्यम से माल और यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी की दरों को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. उन ऑपरेटरों के साथ माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया है, जहां ईंधन की लागत पर विचार चल रहा है.
आर्थोपेडिक उपकरण- स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, अन्य उपकरण जो किसी दोष या अक्षमता के बदले पहने या ले जाए जाते हैं या शरीर में प्रत्यारोपित किए जाते हैं और इंट्राओकुलर लेंस पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. यह दर पहले 12 फीसदी था.
डिफेंस आइटम- प्राइवेट संस्था या वेंडर द्वारा स्पेशल इंपोर्टेड डिफेंस आईटम पर जीएसटी से छूट मिलेगी. लेकिन यह छूट तब मिलेगी जब इंड यूजर डिफेंस फोर्सेज होंगी.
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