श्रीलंका में उग्र हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में लगाई आग

श्रीलंका में उग्र हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में लगाई आग

प्रेषित समय :09:12:22 AM / Sun, Jul 10th, 2022

कोलंबो. श्रीलंका में उत्पन्न हुए आर्थिक संकट से नाराज प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शनिवार को दिन में राष्ट्रपति आवास पर कब्जा करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की रात श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर को आग लगा दी. 

लंका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुसकर भवन में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जाने के बावजूद वे प्रधानमंत्री आवास में घुस गए. प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के वाहनों को क्षतिग्रस्त करते देखा गया. इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देने की घोषणा की है. स्पीकर ने कहा है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने 13 जुलाई तक इस्तीफा देने की बात कही है. 

इससे पहले विक्रमसिंघे, जिन्हें मई में प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, ने सरकार की निरंतरता और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. उन्होंने ट्वीट किया कि सभी नागरिकों की सुरक्षा सहित सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने को लेकर मैं आज पार्टी नेताओं की सबसे अच्छी सिफारिश को स्वीकार करता हूं. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए मैं प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं.

इससे पहले दिन में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने आधिकारिक आवास से भाग गए. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति परिसर पर कब्जा कर लिया और उनके पास के कार्यालय पर धावा बोल दिया. अफरा-तफरी के बीच श्रीलंकाई नौसेना के जहाज पर सूटकेस लोड किए जाने के वीडियो सामने आए.

स्थानीय मीडिया का दावा है कि सूटकेस राष्ट्रपति राजपक्षे के थे. राष्ट्रपति भवन के परिसरों को तोडऩे के बाद सैकड़ों लोगों को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण में राष्ट्रपति के कमरों से घूमते हुए देखा जा सकता है, जिनमें से कुछ उग्र भीड़ परिसर के स्वीमिंग पूल में कूद रहे हैं. श्रीलंका एक गंभीर विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है, जिसने ईंधन, भोजन और दवा के आवश्यक आयात को सीमित कर दिया है, जिससे यह सात दशकों में सबसे खराब वित्तीय की दौर से गुजर रहा है. कई लोग देश की गिरावट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. मार्च के बाद से बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों ने उनके इस्तीफे की मांग की. हाल के हफ्तों में लगातार असंतोष बढ़ता गया है. देश में अब आम लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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