श्रावण महीने में पारद शिवलिंग की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है
पारद अर्थात मर्करी, यह एक ऐसी धातु है जो सिद्ध होकर मानव को सर्व सिद्धियां प्रदान करने में सक्षम है. यह एक तरल धातु है जो किसी भी धातु में आसानी से विलय हो जाती हैं.
शिव पुराण में पारा धातु को भगवान शिव का वीर्य कहा गया है. सैकड़ों गऊओं के दान हजारों स्वर्ण मुद्राओं के दान तथा चारों तीर्थ का जो पुण्य मिलता है,वह फल इसके दर्शन करने से प्राप्त हो जाता है, रसार्णव जैसे ग्रंथ में लिखा हुआ है कि जब मनुष्य शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग के दर्शन करता है और उससे जो फल अथवा पुण्य प्राप्त होता है इससे कई गुना फल पारद शिवलिंग के दर्शन करने पर प्राप्त हो जाता है.
शास्त्रकारों ने इसे साक्षात शिव कहा है.
भगवान शिव वैष्णव, शैव, शाक्त तीनों धर्मों के लिए उपासना में श्रेष्ठ एवं सिद्धि के प्रदाता माने गए हैं. भगवान शिव के लिंग की स्थापना एवं पूजन का अत्यधिक महत्व पुराणों मैं वर्णित है. वेद, शास्त्र,पुराण आदि भी पारदेश्वर शिवलिंग की महिमा से भरे पड़े हैं.
शिवलिंग को अनेक धातुओ एवं काष्ठ से निर्मित किया जाता है. सर्वाधिक महत्व पार्थिव शिवलिंग और पारद शिवलिंग का है.
पार्थिव शिवलिंग मिट्टी से निर्मित किया जाता है और पारद शिवलिंग का निर्माण पारा द्रव को ठोस बनाकर किया जाता है.
पारद शिवलिंग बहुत ही दुर्लभ है इसे घर में स्थापित करने से यह कुछ ऐसी किरणें बिखेरता है जिससे सभी प्रकार की अनुकूलता प्राप्त होती है. यह अपने आप में एक चमत्कार है. कहा जाता है पारद शिवलिंग का स्पर्श करने मात्र से इसकी दैवीय शक्ति मानव शरीर में प्रवेश कर जाती हैं .
तथा दर्शन करने मात्र से यह अनेक जन्मों के पापों से मुक्त करता है और परम पुण्य की प्राप्ति होती है.
शिवलिंग दरिद्रता और व्याधा को शीघ्र नष्ट करता है.
पारद स्वयं अपने आप में सिद्ध पदार्थ माना गया है पारद शिवलिंग पर अभिषेक करने से अन्य शिवलिंगों की अपेक्षा हजारों गुना अत्यधिक फल मिलता है. इसे निर्मित करने में अत्यंत परिश्रम होता है,जिसे तैयार करना हर किसी के बस में नहीं.
इसे तो कोई श्रेष्ठ पारा बद्ध ज्ञानी ही बाँध सकता है और शिवलिंग का निर्माण कर सकता है.
भगवान शिव को पारा अति प्रिय हैं तथा उन्होंने स्वयं कहा है कि जो पारे से शिवलिंग का निर्माण किया जाये तो उसकी तुलना किसी अन्य देवी -देवता या यंत्र से नहीं हो सकती.
यह काया -वाणी -मानसिक पापों को नष्ट करने की क्षमता रखता है.
यह दैविक, दैहिक, भौतिक सभी रोगों से रक्षा करता है, यह सुख -संपदा -धन -धान्य ,यश, कीर्ति, विधा, बुद्धि, एवं शांति का दाता है.
जो जातक जीवन को शून्यता की तरह जी रहे हो और वह पारदेश्वर शिवलिंग की पूजा करें तो वे कह उठेंगें कि ईश्वर है..
पारद शिवलिंग अपने आप में एक अद्भुत वस्तु है.
नोट :-प्रत्येक सोमवार को इसकी विशेष रुप से पूजा तथा प्रदोष मास में रूद्राभिषेक करने से मनवांछित लाभ मिलता है..
अगर घर में शिवलिंग स्थापित करें तो कृपया ध्यान रखें उसकी रोज पूजा हो, अथवा स्थापित करने के बाद पूजा ना करने से शिवलिंग का अपमान होता है और दोष लगता है.
Koti Devi Devta
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र के नासिक में अज्ञात हमलावरों ने की मुस्लिम धर्मगुरु की गोली मारकर हत्या
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