कुंडली के अनुसार महीने में करें अपने चंद्र और शुक्र को मजबूत

कुंडली के अनुसार महीने में करें अपने चंद्र और शुक्र को मजबूत

प्रेषित समय :18:57:18 PM / Mon, Jul 18th, 2022

सावन का महीना भगवान शिव का महीना है.  सावन का महीना जल तत्व का महीना है. इस महीने में शुक्र और चन्द्र दोनों ही मजबूत होते हैं.
ये दोनों ही ग्रह सरलता से सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं. इन दोनों को मजबूत करके आसानी से भाग्य को मजबूत किया जा सकता है.
धन और ऐश्वर्य के लिए शुक्र और चन्द्र के साथ शिवजी की उपासना करना बहुत लाभकारी हो सकता है.
भगवान शिव के प्रिय सावन माह का आरंभ हो चुका है. इस साल जिसमें चार सोमवार पड़ रहे हैं.
जो लोग पूर्णिमा की अनुसार व्रत रखेंगे उन लोगों के चार सोमवार पड़ेंगे जो लोग सक्रांति के अनुसार व्रत रखते हैं उनके पांच सोमवार पड़ेंगे.
श्रावण मास का सोमवार बहुत ही सौभाग्यशाली एवं पुण्य फलदायी माना जाता है. सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है.
भक्त व्रत रखकर पूरी श्रद्धा के साथ महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं. ये पूरा महीना किसी त्योहार से कम नहीं लगता है. हर तरफ भोलेशंकर की अराधना होती है.
शुक्र ग्रह भोग, विलास, भौतिक सुख, सौंदर्य, आकर्षण और प्रेम का कारक ग्रह होता है .
यदि व्यक्ति के जीवन में इनसे जुड़ी कोई भी परेशानी आ रही है तो संभव है कि उनका शुक्र ग्रह खराब स्थिति में हो. शुक्र को ठीक करके जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है.
शुक्र खराब होने पर व्यक्ति भौतिक सुखों से वंचित रहता है. कई बार घर में समस्त भौतिक सुख-संसाधन होते हुए भी व्यक्ति उनका उपभोग नहीं कर पाता और उनसे लगातार हानि उठाता रहता है.
शुक्र ठीक नहीं होने पर आती है परेशानी
शुक्र खराब होने पर व्यक्ति यौन सुखों से वंचित रहता है. उसका दांपत्य जीवन कलहपूर्ण और असंतुष्ट रहता है.
पति-पत्नी में बनती नहीं है. ओर तलाक़ की नौबत आ जाती है.
प्रेमी-प्रेमिकाओं का शुक्र खराब है तो उनके बीच तालमेल की कमी लगातार बनी रहती है और जल्द ही उनका ब्रेकअप हो जाता है.
शुक्र ठीक नहीं होने पर व्यक्ति के जीवन में आभूषणों की कमी बनी रही है. सौंदर्य के मामले में ऐसा व्यक्ति दुर्भाग्यशाली होता है.
उससे कोई भी व्यक्ति आकर्षित नहीं होता. यानी एक तरह से उसका प्रभाव किसी पर नहीं पड़ता.
सुखी दांपत्य जीवन
अगर जन्म कुंडली के सातवें भाव में पापी ग्रह सूर्य मंगल शनि हो तो दांपत्य जीवन में खटास आती है. सप्तम भाव पर भी अधिक पापी ग्रहों की दृष्टि हो और सप्तम भाव का स्वामी अस्त हो तो भी दांपत्य जीवन में मनमुटाव रहता है.
उपाय
पति-पत्नी दोनों मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करें. उसके साथ ही ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें. शाम के समय गाय के घी का दीपक दोनों मिलकर जलाएं.
रोज शिव पुराण का पाठ या अध्ययन जरूर करें. शिवलिंग पर स्पर्श कराकर रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला धारण करें. शिवजी के प्रति अपनी सम्पूर्ण निष्ठा बनाए रखें. बरसात का पानी एक कांच की बोतल में इकठ्ठा कर लें. इसे अपने शयन कक्ष में रखें. इससे वैवाहिक जीवन अच्छा बना रहेगा.
शुक्र ग्रह खराब होने के कुंडली में कई तरह के कारण हो सकते हैं. कारण चाहे जो भी हो यदि ये कुछ उपाय अपनाए जाएं तो शुक्र के हर तरह के बुरे प्रभावों को समाप्त किया जा सकता है.
शुक्र ग्रह की प्रतिनिधि देवी महालक्ष्मी है. शुक्र खराब है तो स्वाभाविक रूप से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती. लक्ष्मी ऐसे लोगों से रूठी रहती है. लक्ष्मी यानी सौंदर्य, प्रेम और भौतिक सुख. इसलिए लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय करने से शुक्र ग्रह की पीड़ा भी खत्म होती है.
इसके लिए प्रत्येक सोमवार मिश्री सहित दूध शिवलिंग पर चढ़ाएं.
भगवान शिव की पूजा से  शुक्र प्रसन्न होते हैं. प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का शहद से अभिषेक करें, लक्ष्मी की प्राप्ति होगी.
शीघ्र विवाह के लिए  दो मुखी या छः मुखी रुद्राक्ष धारण करें. पूरे सावन में सात्विक आहार ग्रहण करें. यह उपाय सावन के हर सोमवार को करें.


शक्ति उपासक---आचार्य पटवाल
Shakti-Upasak Acharya Patwal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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