राहु-केतु की वजह से उठापटक चल रही हो तो भांग मिश्रित जल और धतुरे से शिवलिंग की पूजा करें

राहु-केतु की वजह से उठापटक चल रही हो तो भांग मिश्रित जल और धतुरे से शिवलिंग की पूजा करें

प्रेषित समय :21:42:45 PM / Tue, Jul 26th, 2022

अगर जीवन में खलबली मचा रहे हैं, इन दो ग्रहों की वजह से जीवन में उठापटक चल रही है तो आपको भांग मिश्रित जल और धतुरे से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए.
यह तो सब जानते ही हैं राहु केतु से किस तरह से परेशानियां होती हैं अगर कुंडली में हमारे राहु केतु अच्छे फल नहीं देते हैं तो हमें बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है जब भी राहु केतु अपने दशाओं में आते हैं या सुक्ष्म दशाओं में भी आते हैं अगर अच्छे ग्रह के साथ बैठे होंगे अच्छे भाव में बैठे होंगे तो हमें बहुत कुछ अच्छा दे कर जाएंगे और अगर गलत घर में बैठ गए या किसी नीच ग्रह के साथ में बैठ गए तो हमें बहुत नकारात्मक कर देते हैं और हम इतने नेगेटिव होते हैं .
क्योंकि राहु केतु हमेशा नकारात्मक चीजें ज्यादा देते हैं गलत डायरेक्शन में हम चले जाते हैं हमें खुद पता नहीं चल पाता हम भूत प्रेत के चक्कर में आ जाते हैं या हमें ऐसे लगने लग जाता है कि किसी ने हमारे ऊपर कोई जादू टोना कर दिया है और हम जादू टोना के चक्कर में अपना सारा पैसा बर्बाद कर देते हैं या हम उस चक्कर में पड़कर अपना खुद का और ज्यादा नुकसान कर लेते हैं.
 राहु केतु कुंडली में सबसे ज्यादा नकारात्मक ग्रह होते हैं वैसे भी सबको पता है कि यह एक राक्षस नाम से इन ग्रहों को जाना जाता है. 
बहुत से लोग यूट्यूब पर देख कर  राहु केतु के अपने आप से मंत्र जाप करना शुरू कर देते हैं अपने घर के अंदर बैठकर या उनके दान करना शुरू कर देते हैं.
 उनकी पूजा करना शुरू कर देते हैं जबकि यह सब गलत है. 
राहु केतु की कभी भी कोई अपने आप से पूजा मत कीजिए राहु केतु की पूजा के लिए कोई योग्य ब्राह्मण से पूजा करवानी चाहिए.
 क्योंकि राहु केतु की पूजा जब भी होती है जो भी ब्राह्मण आपकी पूजा करेगा वह आपके राहु केतु का नकारात्मक चीजों का प्रभाव अपने सर पर ले लेगा क्योंकि वह जब अपने सर पर यह प्रभाव लेता है . 
तो उनको कुछ शक्तियां प्राप्त होती है वह लोग हमेशा भगवान के नजदीक होते हैं और अपनी साधना और मंत्रों से पहले खुद को एक सुरक्षा चक्र दे देते हैं फिर पूजा का आवाहन लेकर उस पूजा को करते हैं जिसके निवृत्ति  वह पूजा की जा रही है इसीलिए आपकी जो भी पूजा होती है आपके नाम गोत्र के अनुसार पूजा होती है.
इसलिए राहु केतु की पूजा यह राहु केतु के मंत्र जाप खुद से कभी भी मत कीजिए. जो बिना कुंडली दिखाइए बिना जानकारी के अगर राहु केतु का कोई भी पूजा कोई भी दान करते हैं उनको नकारात्मक प्रभाव जल्दी असर करता है.
अगर कर सकते हैं तो सिर्फ अपने इष्ट देवी देवताओं की पूजा पाठ आप करते रहे इष्ट देवताओं की  पूजा पाठ से आपके अंदर एक ऊर्जा आपको मिलेगी नकारात्मक चीजों को दूर करने के लिए और जब आप अपने इष्ट देवी देवताओं की पूजा करते हैं तो आपके अंदर नकारात्मक चीजें अपने आप ही दूर होती चली जाएगी और आपके अपने इष्ट आपको एक ऊर्जावान बना देते हैं. 
राहु केतु नकारात्मक चीजों को दूर करने के लिए अगर आप लोगों की किसी की भी कुंडली में राहु केतु की बाहरवें घर की दशा आपकी चलती है या तीसरे घर की या छठे घर की या आपका राहु केतु किसी नीच ग्रह के साथ में बैठा है. 
 तो अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा कर के अच्छे से जब जाकर के ही उसके उपाय आप करवाइए या करें अन्यथा आपको यह नकारात्मक प्रभाव दे सकता है जिससे आपकी मानसिक परेशानी और आर्थिक परेशानी दोनों पर प्रभाव डालता है.
राहु और केतु हमेशा दूसरे घर में और ग्यारहवें घर में बहुत अच्छा फल देता है. इन दोनों घर में बैठकर के  हमेशा जातक  को डबल साइड इनकम करवा देता है मतलब दो तरफ से पैसा देगा कहीं से भी देगा अचानक धन लाभ करवाएगा.
 सावन मास में भगवान शंकर की पूजा करने से ग्रहों की भी शांति होती है. जिन लोगों की कुंडली में राहु, केतु, शनि, चंद्रमा यदि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं, और जीवन कष्टों से भरा हुआ है, तो सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा से ग्रहों की वजह से जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने मदद मिलती हैं. यही वजह है, कि सावन का लोग पूरे साल  इंतजार करते हैं. सावन में भगवान शिव की पूजा से इन ग्रहों को शांत करने में मदद मिलती है. 
शनि देव - ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह माना जाता है. बताया जाता है, कि शनि अपनी साढ़े साती, ढैय्या, दशा और महादशा में अशुभ फल प्रदान करते हैं. इसी वजह से मनुष्य का जीवन कष्टों से भर जाता है. सावन में भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव के प्रभाव को कम किया जा सकता है. शनि भगवान शिव की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं. 
राहु-केतु - ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों ग्रहों को भी क्रूर ग्रह माना जाता है. इन ग्रहों की वजह से आपके जीवन में कुछ घटनाएं अचानक हो जाती हैं. राहु केतु से पितृ दोष और कालसर्प दोष जैसे खतरनाक योग बनते हैं, जिन लोगों की कुंडली में ये योग होते हैं उन्हें अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. सावन में भगवान शंकर की पूजा से राहु-केतु से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है. 

शक्ति उपासक---आचार्य पटवाल
Shakti-Upasak Acharya Patwal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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