अगस्त महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव

अगस्त महीने के दौरान ग्रह गोचर और प्रभाव

प्रेषित समय :22:31:55 PM / Tue, Aug 2nd, 2022

#बुध ग्रह गोचर :
 वर्तमान समय ( 1 अगस्त से ) बुध का गोचर सिंह राशी में है, यह गोचर 21 अगस्त तक है | 21 अगस्त से बुध का गोचर कन्या राशि में अगले 2 महीने तक रहेगा | 29 जुलाई से बुध उदय भी हो चुके है, और अभी मार्गी भी हैं |  सिंह राशि बुध के मित्र सूर्य की है, इस नाते यहाँ बुध अपने कारक विषयों अनुसार शुभ फल देंगे |  इस के बाद 21 अगस्त से बुध का गोचर कन्या राशी में होगा, कन्या राशी बुध की अपनी राशि है और उच्च राशी भी | इस लिए बुध कन्या राशि में भी शुभ फल देंगे | यानि कुल मिला कर अभी से 90 दिनों तक बुध का गोचर शुभकारी बना हुआ है | ज्योतिष अनुसार बुध वाणी, मित्रता, यात्रा, संचार साधन, आर्थिक लाभ, व्यवसाय, सरकारी कार्यो की सफलता के कारक हैं | बुध के शुभ गोचर की वजह से व्यापार बढ़ेगे, शेयर बाज़ार में माहोल अच्छा होगा, आर्थिक सुख बनेगा, सरकारी कार्यो में आ रही रुकावट दूर होगी | मित्रता के सुख बेहतर होंगे, बहन, बुआ, बेटी से सुख प्राप्ति होगी | फलित ज्योतिष अनुसार चन्द्र कुंडली से बुध का गोचर 1 से 6 भाव और 11 भाव में अच्छा होता है, जबकि अन्य भाव में बुध गोचर के फल अशुभ जानने चाहिए |  लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है . बुध अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो प्रतियोगिता में विजय, सरकारी नोकरी की प्राप्ति, व्यापार में लाभ, प्रोजेक्ट या नए टेंडर की प्राप्ति, यात्रा में सुख की प्राप्ति होती है, जबकि बुध अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा तो व्यापार में हानि, मित्रता में धोखा, प्रतियोगिता में पराजय, आय प्राप्ति में रुकावट, बहन, बेटी से कष्ट मिलता है . इस नाते जिन को भी बुध के अशुभ फल मिल रहे हो या फिर जिनकी भी चन्द्र राशी अनुसार बुध का गोचर अशुभ स्थान में है उनको बुध की शुभता प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन हरी मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, चारा, कच्चा घड़ा दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए .

#शुक्र  ग्रह राशि परिवर्तन : 
वर्तमान समय में शुक्र का गोचर मिथुन राशी में है यह गोचर 7 अगस्त तक रहेगा | और फिर 7 अगस्त से शुक्र का गोचर कर्क राशी में अगले 23 दिन तक रहेगा | कर्क राशी में गोचर करने पर शुक्र पर शनि की दृष्टि रहेगी | शनि जैसे अशुभ ग्रह की दृष्टि में होकर शुक्र अशुभ फल देगा | ज्योतिष अनुसार शुक्र जो कि कला, संगीत, स्त्री सुख, वाहन सुख, सांझीदार के सुख का कारक है, 7 अगस्त से अगस्त महीने में इन सब में अशुभ फल की प्राप्ति होगी | ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 5, 7, 9, 11 और 12वे भाव में शुभता देता है, अन्य भावो में शुक्र गोचर के फल अशुभ जानने चाहिए | लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिये की कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहा सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर अपने कारक विषय अनुसार फल देता है | शुक्र अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो वाहन सुख, वस्त्र और भोजन पदार्थो के सुख, सांझीदार के सुख की प्राप्ति होती है | जबकि शुक्र अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा हो तो प्रेम संबंध टूटते हैं, वस्त्र और वाहन खराब होते है, भोतिक सुख की वस्तुयों में खराबी आती है | इस तरह यदि शुक्र के अशुभ फल मिल रहे हो तो शुक्र की शुभता प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन दूध, दही, चावल, खीर, घी, शिंगार के सामन के दान किसी महिला को या देवी मन्दिर में करने चाहिये |

#सूर्य राशि परिवर्तन :
 वर्तमान समय कर्क राशि में गोचर कर रहे सूर्य ग्रह 17 अगस्त से सिंह राशि में गोचर करेंगे अगले 30 दिनों के लिए . कर्क राशी में सूर्य शनी की दृष्टि में हैं, और ज्योतिष अनुसार ऐसी स्थिति में सूर्य के फल में अशुभता आती है | विशेष कर इस गोचर में पिता पुत्र संबंधो में तकरार आती है, कार्यस्थल पर प्रतिष्ठा की हानि होती है | और इसके बाद सिंह राशि में आने पर सूर्य पर राहू की दृष्टि होगी, राहू की वजह से ही सूर्य को ग्रहण दोष लगता है | मतलब वर्तमान समय से अगले 45 दिनों तक सूर्य अपने कारक विषयों अनुसार अशुभ फल देंगे | ज्योतिष अनुसार सूर्य पिता, सत्ता, सरकार, प्रतिष्ठा, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारक है | तो अगले 45 दिनों तक पिता पुत्र में विवाद, सरकार और प्रजा में तनाव, नौकरी करने वालो को अधिकारी वर्ग से नाराज़गी, और वातावरण में रोग बढने की सम्भावना रहेगी | लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है . जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य का गोचर चंद्र कुण्डली के 1, 3, 5, 6, 9, 10, 11वे भाव में शुभता देता है जबकि अन्य भाव में सूर्य का गोचर कष्टकारी होता है . ज्योतिष अनुसार सूर्य के शुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र के सुख में वृद्धि, सरकार से लाभ, नोकरी में तरक्की और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है जबकि सूर्य के अशुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र में आपसी वैर विरोध, सरकार से दण्ड, नोकरी में अपमान और तरक्की में रुकावट आती है . इस नाते जिन को भी सूर्य के अशुभ फल मिल रहे हो उनको सूर्य के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए रविवार के दिन आटा, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, कोई अनाज के दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए .

#मंगल ग्रह का गोचर : 
वर्तमान समय में मंगल का गोचर मेष राशि में है, और यह गोचर 10 अगस्त तक रहेगा | और फिर 10 अगस्त से मंगल का गोचर वृषभ राशि में अगले दो महीने तक होगा | जानकारी के लिए बता दें अभी मेष राशि में मंगल अंगारक योग ( मंगल राहू युति ) में हैं | ज्योतिष अनुसार ऐसे में कोई भी ग्रह अपने कारक विषयों अनुसार शुभ फल देने में असमर्थ होता है | इसी वजह से वर्तमान समय में देश दुनिया में अग्नि, हत्या, दुर्घटना, हादसे और झगड़े संबंधी घटनाये देखने को मिल रही है | 10 अगस्त को मंगल के वृषभ में आने से यह अंगारक योग टूटेगा,  वृषभ अर्थ तत्व राशी है, और मंगल तेज़ी का कारक है, इस वजह से आर्थिक कार्यो में शुभ परिणाम देखने को मिलेगे, खास कर जो लोग प्रापर्टी के कार्य से जुड़े हैं उनके कामकाज में अच्छे परिणाम देखने को मिलेगे | शेयर बाज़ार की स्थिति अच्छी होगी | इसके इलावा मंगल भाई के सुख, रक्त के रोग, त्वचा रोग, पेट के रोग, झगड़े, कर्ज़ और शत्रुता का कारक है | इस नाते जिनकी भी जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति शुभ है, उनको इन सब विषयों में शुभ फल मिलेगे , स्वास्थ्य की बेहतरी होगी, शत्रु शांत होंगे, सफलता में आने वाली बाधा दूर होगी | लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है . मंगल का गोचर चंद्र कुण्डली के 1, 3, 5, 6, 9, 10, 11वे भाव में शुभता देता है जबकि अन्य भाव में मंगल का गोचर कष्टकारी होता है . मंगल अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो शुभ प्रभाव के रूप में ज़मीन और भाई बंधुओं के सुख की प्राप्ति, शत्रु पर विजय, पुत्र संतान से सुख और नोकरी में तरक्की की प्राप्ति होती है जबकि मंगल के अशुभ प्रभाव के रूप में झगड़े में पराजय, भाई बंधुओं से कष्ट, चोट और दुर्घटना से शारीरिक कष्ट, नोकरी में अपमान और आर्थिक हानि होती है . इस नाते जिन को भी मंगल के अशुभ फल मिल रहे हो उनको मंगल के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए मंगलवार के दिन लाल मसूर, शहद, लाल वस्त्र, सिंदूर, अनार, टमाटर, मीठी वस्तुओं के दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए .

#पूर्णिमा तिथि :
 11 अगस्त दिन गुरूवार को सावन महीने की पूर्णिमा तिथि रहेगी . पूर्णिमा तिथि के आराध्य देव नारायण जी हैं , इस लिए इस दिन ब्रहस्पति ग्रह की मज़बूती के लिए सत्य नारायण जी की कथा का आयोजन घर मे किया जाता है , जिनकी जन्म कुण्डली में बृहस्पति ग्रह कमज़ोर या पीड़ित या गुरु राहु की युति होती है उनको इस दिन व्रत करते हुए पीली चीज़ों का दान मंदिर में करना चाहिए . इसके साथ ही चंद्रमा की शुभता प्राप्ति के लिए भी पूजा पाठ, चंद्रमा का मंत्र जप इसी दिन करना चाहिए |

#अमावस्या तिथि : 
27 अगस्त दिन शनिवार को भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि रहेगी . क्योंकि यह दिन पितरों की पूजा और श्राद्ध कर्म करने का होता है . जिनकी कुण्डली में पितर दोष होता है , उनको इस दिन पितरों के निमित्त विशेष पूजा और दान करने चाहिए . किसी पण्डित के सानिध्य में पितृ दोष दूर करने के लिए शांति पूजन करवाएं . इस दिन कुण्डली में बनने वाले शनि राहु केतु से संबंधित दोष को दूर करने के उपाये लाभ देते हैं . इस नाते जीवन में सुख और तरक्की के लिए इस दिन दूध, जल, अन्न, खीर का दान ज़रूर करना चाहिए .
Deep Ramgarhia

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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