पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में न्यू लाइफ स्पेशिलिटी अस्पताल में हुए अग्नि हादसे के बाद प्रशासन सख्त हो गया है, कलेक्टर इलैयाराजा टी ने आज निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों को कलेट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कहा कि मरीजों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा, संस्थानों में सुरक्षा के सभी इंतजाम सुनिश्चित करे, नियमित अंतराल से फायर सेफ्टी ड्रिल आयोजित किया जाए, फायर सेफ्टी आडिट कराए, यदि ऐसा नहीं होगा तो रजिस्टे्रशन निरस्त कर दिया जाएगा. बैठक में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत सीईओ सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर शेरसिंह मीणा, सयुंक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा, डॉ राजेश धीरावाणी, सौरभ बड़ेरिया, सभी निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रबंधक मौजूद थे . बैठक के प्रारम्भ में न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुई अग्निदुर्घटना में मृत व्यक्तियों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई.
बैठक में अस्पताल संचालकों से कहा गया कि वे फायर अलार्म सिस्टम को दुरुस्त रखें, अग्निशमन यंत्रों तथा इलेक्ट्रिकल मशीनरी के उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, अपने स्टॉफ को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल की तथा राहत एवं बचाव कार्य का अनिवार्यत: प्रशिक्षण भी दें. कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने आगे कहा कि न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल जैसी घटनाएं दुबारा न हो इसके लिये प्रशासन पूरी तरह सजग है . उन्होंने कहा कि मरीजों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा . निजी अस्पतालों को पंजीयन अथवा पंजीयन के नवीनीकरण के लिये सभी औपचारिकताओं एवं मापदंडों को पूरा करना होगा. ऐसे जो अस्पताल औपचारिकतायें पूरी नहीं करेंगे उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा.
जिनके पास फायर एनओसी नहीं उनपर कार्यवाही होगी-
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि ऐसे निजी अस्पताल जिनके पास फायर एनओसी नहीं है उनके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी . ऐसे निजी अस्पताल नये मरीज भर्ती नहीं कर सकेंगे . डॉ इलैयाराजा ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों को निजी अस्पतालों के निरीक्षण के लिये नियुक्त किया गया है. निरीक्षण के दौरान बताई गई कमियों को भी निजी अस्पतालों को दूर करना होगा अन्यथा संबंधित अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया जाएगा.
इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट कराना होगा-
कलेक्टर इलैयाराजा टी ने कहा कि ट्रेनिंग, ड्रिल एवं कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर देते हुये कहा कि अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों व इलेक्ट्रिकल मशीनरी की गुणवत्ता के साथ-साथ तय समय पर फायर सेफ्टी आडिट एवं इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आडिट भी कराना होगा . उन्होंने कहा कि अस्पतालों में नियमित अन्तराल से न केवल फायर ड्रिल का आयोजन हो बल्कि इस दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के उपाय भी किये जाए.
जांच के बाद ही दी जाए टेम्परेरी फायर एनओसी-
कलेक्टर ने बैठक में प्रोविजनल फायर एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद टेम्परेरी फायर एनओसी के लिये आवेदन करने वाले अस्पतालों के फायर प्लान की जांच करने के निर्देश नगर निगम के फायर सेफ्टी अधिकारी को दिये हैं. उन्होंने कहा कि फायर प्लान की जांच में पाई गई कमियों को दूर करने के बाद ही अस्पतालों को टेम्परेरी फायर एनओसी जारी की जाये. यदि कमियों को दूर नहीं किया जाता है तो ऐसे अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही हो.
बचाव की जानकारी एनडीआरएफ टीम ने दी-
बैठक में अस्पतालों में आग से सुरक्षा तथा राहत एवं बचाव के उपायों की जानकारी एनडीआरएफ टीम द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी गई . एनडीआरएफ टीम ने अस्पताल संचालकों को अग्निशमन यंत्रों के इस्तेमाल के तौर तरीके बताये . अस्पताल के स्टॉफ को इसका विधिवत प्रशिक्षण देने पर जोर दिया . अग्निशमन यंत्रों के रखरखाव पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताई गई तथा नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करने पर जोर दिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-न्यू लाइफ हास्पिटल अग्निकांड: मेन गेट पर जनरेटर से हुआ शार्ट सर्किट, बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं
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