दिल्ली. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे घोषित किए और बताया कि रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस बढ़ोतरी के बाद प्रभावी रेपो रेट बढ़कर 5.40 प्रतिशत हो गया है. आरबीआई ने इस साल लगातार तीसरी बार रेपो रेट में वृद्धि की है.
आरबीआई ने इससे पहले मई 2022 में अचानक रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ा दिया था, जबकि जून 2022 की एमपीसी बैठक में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. इस तरह मई से अब तक रेपो रेट में कुल 1.40 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है, जो पिछले ढाई साल में सबसे ज्यादा है. इस बढ़ोतरी के साथ ही आपके होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे. बैंक भी जल्द अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर देंगे.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्तवर्ष के लिए विकास दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बनाए रखा है. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि महंगाई और ग्लोबल मार्केट के दबाव की वजह से विकास दर अनुमान में फेरबदल हो सकता है, लेकिन गवर्नर दास ने मौद्रिक नीतियों और देश के आर्थिक सुधारों पर भरोसा कायम रखते हुए विकास दर अनुमान को पूर्व की भांति स्थिर रखा है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता महंगाई सूचकांक से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही और यह 6 फीसदी से ऊपर बना रहेगा. उन्होंने चालू वित्तवर्ष में खुदरा महंगाई के अनुमान को भी 6.7 प्रतिशत पर बनाए रखा है. जून में खुदरा महंगाई की दर 7 प्रतिशत से ऊपर रही थी. ऐसे में रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद खुदरा महंगाई पर खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है.
रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी में भी बदलाव किया है. गवर्नर दास ने कहा कि MSF की दर को मौजूदा 5.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटीको 5.15 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आरबीआई के इस निर्णय से धड़ाम हुआ शेयर मार्केट, सेंसेक्स में 1300 अंक की गिरावट
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