हिन्दू धर्म का अपमान करने के लिए नरेंद्र मोदी माफी मांगे?

हिन्दू धर्म का अपमान करने के लिए नरेंद्र मोदी माफी मांगे?

प्रेषित समय :15:11:31 PM / Fri, Aug 5th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. सत्ता भी कमाल है, इसीलिए कइयों को चेहरा छुपाने के लिए मुखौटा धारण करना पड़ता है!
* गुजरात में मुस्लिम टोपी से इंकार करनेवाले नरेंद्र मोदी विदेश में जाकर मुस्लिम हरी शाल ओढ़ लेते हैं, काहे?
* मजार पर नंगे पांव जानेवाले नरेंद्र मोदी, जूते पहन कर मंदिर परिक्रमा करते हैं, काहे?
* भ्रष्टाचार पर मुखर नरेंद्र मोदी, श्रीराम मंदिर क्षेत्र के भ्रष्टाचार पर मौन धारण कर लेते हैं, काहे?

सब सत्ता का समीकरण साधने का खेला है!
सबसे बड़ा सवाल यह है कि- क्या नरेंद्र मोदी हिन्दु धर्म के अपमान के लिए माफी मांगेगे?
ताजा.... गुजरात में वाणिज्यिक ‘गरबा’ कार्यक्रमों के प्रवेश पास पर 18 प्रतिशत जीएसटी- वस्तु एवं सेवा कर, बोले तो.... जजिया टैक्स लगाया गया है!
खबरों की मानें तो प्रवेश पास पर जीएसटी का मुद्दा तब सामने आया जब वडोदरा स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा’’ ने कुछ समय पहले अपनी वेबसाइट पर जीएसटी वसूलने का उल्लेख किया?
इसके अनुसार आदमियों के लिए नौ दिन के पास की कीमत 4,838 रुपये होगी, जिसमें 4,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 738 रुपये 18 प्रतिशत जीएसटी है, जबकि महिलाओं के लिए पास की कीमत 1,298 रुपये होगी, जिसमें 1,100 रुपये प्रवेश शुल्क और 198 रुपये 18 प्रतिशत जीएसटी है!
मजेदार बात यह है कि.... गुजरात के शिक्षा मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी का कहना है कि- वाणिज्यिक ‘गरबा’ कार्यक्रमों सहित किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रवेश पास पर जीएसटी वर्ष 2017 से लागू है और सभी राज्यों ने इसे मंजूरी दी थी!
कितने मासूम हैं?
विपक्ष की हर बात मान लेते हैं!
कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक है और वडोदरा, सूरत, वलसाड सहित अनेक जगहों पर जीएसटी को वापस लेने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया गया है!
कांग्रेस के प्रमुख नेता अमित चावड़ा का आरोप है कि.... गुजरात के लोग बहुत गुस्से में हैं, बीजेपी ने हिंदुओं के आशीर्वाद से सरकार बनाई है और अब सरकार गरबा पर कर लगाकर पैसा कमाना चाहती है, जो एक हिंदू परंपरा होने के साथ ही गुजरात की पहचान और गौरव है, बीजेपी गरबा पर जीएसटी लगाकर गुजरात की पहचान नष्ट करना चाहती है!
खबर तो यह भी है कि.... 
नमो-नमो! पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी भी धार्मिक लूट की चपेट में आ गया था, नतीजा? 
सोशल मीडिया पर लोग मुगल काल में लगने वाले जजिया टैक्स को याद करने लगे, और हालत.... कुछ घंटों में ही इस फैसले को वापस लेना पड़ा?
खबरों की मानें तो.... सारा गुस्सा वाराणसी के नए-नवेले बने नमो घाट को लेकर था, जहां नमो घाट पर घूमने के लिए टिकट लगाया गया था, जिसके अनुसार नमो घाट पर 4 घंटे बिताने के लिए 10 रुपये का टिकट लगाया गया था, इतना ही नहीं, टू-व्हीलर, कार पार्किंग आदि के लिए अलग से लूट का इंतजाम था?
महाराष्ट्र में सियासी घमासान केे दौरान भी हिन्दुत्व का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाता रहा था, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि.... कौनसा हिन्दुत्व चाहिए? अब्बासभाई वाला, पाकिस्तानी बिरयानी वाला या मजार पर इत्र छिड़कने वाला!
अभी गुजरात में चुनाव हैं, तो मोदीजी को अब्बास भाई याद आ गए और बगैर बुलाए पाकिस्तानी बिरयानी का सियासी स्वाद तो अभी तक चर्चाओं में है?
पल-पल इंडिया (3 जनवरी 2022).... सबसे ज्यादा मस्जिद-मजार पर जाने वाले प्रधानमंत्री कौन हैं? किसके तुष्टीकरण के लिए?
में लिखा था.... इनदिनों विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हिन्दू-मुस्लिम राजनीति जोरों पर है और इसे तुष्टीकरण के साथ जोड़कर सवाल उछाले जा रहे हैं!
लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि.... सबसे ज्यादा विदेशों की मस्जिद-मजार पर जाने वाले भारत के प्रधानमंत्री कौन  हैं? और.... किसके तुष्टीकरण के लिए?
खबरों पर भरोसा करें तो विदेशों की मस्जिद-मजार पर जाने और विश्व के मुस्लिम नेताओं को गले लगाने के मामले में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अव्वल हैं!
नरेन्द्र मोदी तो प्रधानमंत्री बनने के बाद देश-विदेश की अनेक मस्जिदों में भी गए हैं, मजार के लिए चादरें भी भेजी हैं और फूल भी चढ़ाए हैं.
गुजरात की किसी मजार के लिए चादर क्यों नहीं भेजते?
अलबत्ता, आज तक की खबर थी कि वर्ष 2017 में मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद में 16वीं सदी में बनी सिदी सैयद की जाली मस्जिद में गए थे.
यही नहीं, विदेश यात्रा के दौरान वे इंडोनेशिया के इस्तकलाल मस्जिद भी गए थे, तो वर्ष 2018 की शुरूआत में पीएम मोदी ओमान के मस्कट में सुल्तान कबूज ग्रांड मस्जिद में गए थे.
इतना ही नहीं, वे सिंगापुर की लगभग दो सौ साल पुरानी चिलुया मस्जिद भी गए थे, तो.... पीएम मोदी प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, अजमेर में भी चादर भेजते रहे हैं.
पीएम मोदी वर्ष 2017 में म्यांमार यात्रा के दौरान बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर भी गए थे, जहां उन्होंने फूल भी चढ़ाए थे और इत्र भी छिड़का था.
जहां एक ओर मोदी के मस्जिद-मजार पर जाने की खबरें थी, वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक बयान में कहा था कि- राम मंदिर निर्माण में पीएम मोदी का तो कोई योगदान नहीं है, जिन लोगों ने काम किया उनमें राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंघल के नाम शामिल हैं!
देश के प्रमुख कार्टूनिस्ट राजेंद्र ने हिन्दुओं के नाम पर लूट को लेकर शानदार व्यंग्यबाण चलाए हैं.... 

https://twitter.com/Rajendradhodap2/status/1474731855974846466/photo/1

https://twitter.com/i/status/1478025415956451328
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https://twitter.com/PalpalIndia/status/1457746761468956673

https://www.aajtak.in/trending/photo/pm-narendra-modi-visits-in-mosque-and-grave-in-four-years-tkha-583992-2018-06-03-1

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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