दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की आक्रामक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए भारत, अमेरिका के साथ विवादित सीमा से 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहा है. ये सैन्य अभ्यास अक्टूबर के मध्य में उत्तराखंड के औली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित किया जाएगा. जिसमें ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. औली चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग 95 किलोमीटर दूर है, जो एक दुर्गम भूमि है.
एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों का ये सैन्य अभ्यास एक वार्षिक संयुक्त अभ्यास के 18वें संस्करण के हिस्से के रूप में होगा. गौरतलब है कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन सैनिकों और भारत के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. चीन के हाल ही में सीमा पर स्थित पैंगोंग त्सो झील के पार एक पुल का निर्माण करने से भी तनाव और बढ़ गया है.
वहीं इसी साल भारत की यात्रा के दौरान अमेरिकी सेना के पैसिफिक कमांडिंग जनरल चाल्र्स फ्लिन ने विवादित सीमा के पास चीन के सैन्य जमावड़े को खतरनाक बताया था. इस संयुक्त अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है.
प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यापक प्रयास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं. ये युद्ध अभ्यास एक ऐसा वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसे दोनों पक्षों की सेनाओं की क्षमता में सुधार और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों की एक लंबी सीरिज से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विदेश मंत्री जयशंकर की चीन को दो टूक: एलएसी पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा भारत
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