कुंडली में कैसे उत्पन्न होता है यह केन्द्राधिपति दोष?

कुंडली में कैसे उत्पन्न होता है यह केन्द्राधिपति दोष?

प्रेषित समय :21:49:00 PM / Fri, Aug 19th, 2022

केन्द्राधिपति दोष शुभ ग्रहों बृहस्पति, बुध, शुक्र, और चंद्रमा के कारण होता है. इनमें से बृहस्पति और बुध के कारण होने वाला यह दोष और भी गंभीर और प्रभावी हो जाता है. केंद्र भाव पहला, चौथा, सातवां, और दसवां भाव होता है. इसके बाद शुक्र और चंद्रमा का दोष आता है. उपरोक्त दोष केवल शुभ ग्रहों अर्थात बृहस्पति ग्रह, बुध ग्रह, चंद्रमा ग्रह, और शुक्र ग्रह पर लागू होता है. यह शनि, मंगल, और सूर्य जैसे ग्रहों पर लागू नहीं होता है.

यह दोष बनता कैसे है? मिथुन और कन्या लग्न के लोगों के लिए इस दोष का निर्माण तब होता है जब बृहस्पति पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हो, और धनु और मीन लग्न के लोगों के लिए इस दोष का निर्माण तब होता है जब बुध पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में स्थित हो

बृहस्पति ग्रह मिथुन लग्न के लोगों के लिए इस दोष के निर्माण का कारण तब बनता है जब बृहस्पति चतुर्थ भाव में हो. बता दें चौथा भाव घर, शिक्षा, रिश्तेदार, आदि के लिए जाना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में चतुर्थ भाव में बृहस्पति हो ऐसे व्यक्तियों को शिक्षा के संदर्भ में परेशानियां उठानी पड़ती है. वहीं जिन लोगों का लग्न मिथुन हो और बृहस्पति सातवें भाव में हो ऐसे लोगों को वैवाहिक जीवन में अपने जीवन साथी के साथ प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसके अलावा यदि बृहस्पति दसवें भाव में हो तो व्यक्ति को करियर से संबंधित परेशानियां जैसे नौकरी का चले जाना, नौकरी में संतुष्ट ना होना, इत्यादि परेशानियां उठानी पड़ सकती है

ठीक इसी तरह, जिन जातकों की कुंडली में धनु राशि में बृहस्पति चौथे भाव में हो उन्हें पढ़ाई में समस्या उठानी पड़ती है. अगर बृहस्पति अपनी ही राशि में सातवें भाव में हो तो कन्या लग्न के जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में और व्यापार में दिक्कतें और समस्या उठानी पड़ सकती है

जिन लोगों का लग्न धनु या मीन हो उनके लिए बुध ग्रह इस दोष का निर्माण करता है. उदाहरण -जिन लोगों का लग्न धनु और उनकी कुंडली में बुध चतुर्थ भाव में हो और मीन राशि के लिए बुध दुर्बल अवस्था में तो ऐसी स्थिति में बुध व्यक्ति को क्या परिणाम प्रदान कर सकता है? जिन लोगों की कुंडली में बुध चतुर्थ भाव में हो ऐसे लोगों को पढ़ाई से संबंधित परेशानी, शिक्षा की हानि, आदि गंभीर असफलता को झेलना पड़ता .

Khushi Soni Verma

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

कुंडली में नौ तरह के दोष, एक भी होने पर शुरू हो जाता है बुरा समय

कुंडली के अनुसार यदि केंद्र में क्रूर ग्रह हों तो क्या प्रभाव होगा!

जन्म कुंडली के नवें घर में राहु और सूर्य हो तो जानें क्या होगा!

जन्म कुंडली से देखें सुखी और खुशहाल जीवन के योग

जन्म कुंडली मे राहु और शनि जनित पिशाच योग

Leave a Reply