जन्म कुंडली से देखें सुखी और खुशहाल जीवन के योग

जन्म कुंडली से देखें सुखी और खुशहाल जीवन के योग

प्रेषित समय :20:33:01 PM / Mon, Aug 8th, 2022

लग्न भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 3, 6, 10, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक भाग्यशाली होता है, जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
दुसरे भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 6, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक घर परिवार की तरफ से जमीन जायदाद, धन संपदा की प्राप्ति के मामले में भाग्यशाली होता है, इसके इलावा जातक मधुर वाणी की वजह से भी प्रतिष्ठा प्राप्त करता है, चाहे वह गायक हो, चाहे एंकर हो, या वाणी से संबंधित अन्य कार्य हो जिस से जातक जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके अलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
तीसरे भाव  का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 3, 6, 7, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक लाटरी, सट्टा, शेयर बाज़ार से धन प्राप्ति के मामले में भाग्यशाली होता है, और इसी में जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
चतुर्थ भाव  का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 4, 9, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं में सफल होता है, जिन के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्ति होती हैं, इस के इलावा ऐसा जातक खुद का घर बनाने और वाहन सुख प्राप्ति के मामले में भी भाग्यशाली होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
पंचम भाव  का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 7, 10, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक के लिए बड़ा अधिकारी बनने के योग, ,एक्टिंग ,मीडिया ,टेलीविजन  की दुनिया में    कैरियर सफलता प्राप्ति के योग, खुद की किताब लांच  करने के योग, किसी शिक्षा संस्थान का मुखी बनने के मामले में  भाग्यशाली होता है, जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
छठा भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 3, 6, 10, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक शत्रुता और कोर्ट कचेहरी झगड़े में विजय, व्यवसाय और निवेश में तरक्की के लिहाज़ से भाग्यशाली होता है, जीवन में यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
सप्तम भाव  का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 5, 7, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक का प्रेम विवाह होता है, जबकि 2, 7, 9, 11 भाव में हो तो घर वालों की सहमति से विवाह  का योग होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
अष्टम भाव  का नक्षत्र स्वामी जन्म कुंडली के 2, 6, 7, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक को पत्नी / ससुराल की तरफ से जमीन, धन संपदा की प्राप्ति होती है, यदि अष्टम भाव  का नक्षत्र स्वामी 2, 7, 11 भाव से संबंधित हो तो तलाक ली हुई महिला से विवाह योग होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
नवम भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 2, 6, 9, 10, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक अपने कार्यो की वजह से यश और प्रतिष्ठा प्राप्ति करता है, नवम भाव  का नक्षत्र स्वामी जन्म कुंडली के 3, 9, 12 भाव से संबंधित हो तो जातक के लिए विदेश योग होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
दसम भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 8, 9, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक के लिए राजनीति में सफलता प्राप्ति के योग होते है, जबकि ज्योतिष और मंत्र साधना में सफलता प्राप्ति के लिए दसम भाव  के नक्षत्र स्वामी को जन्म कुंडली के 2, 5, 9, 11 भाव से संबंधित होना चाहिए, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
एकादश भाव का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 4, 6, 9, 11 भाव से संबंधित हो तो जातक बना हुआ घर खरीदता है, किसी भी तरह की धन प्राप्ति के लिए एकादश भाव  जन्म कुंडली के 2, 6, 11 भाव से संबंधित हो तो सफलता योग, किसी भी तरह के मनचाहे कार्य की सफलता प्राप्ति के लिए एकादश भाव जन्म कुंडली के 3, 6, 11 भाव से संबंधित हो तो सफलता का योग होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके अलावा छठ बल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.
द्वादश भाव  का नक्षत्र स्वामी यदि जन्म कुंडली के 4, 6, 12 भाव से संबंधित हो तो जातक निवेश करता है, चाहे व्यावसायिक हो चाहे जमीन खरीदे, यदि द्वादश भाव  का नक्षत्र स्वामी जन्म कुंडली के 5, 9, 10, 12 भाव से संबंधित हो तो ज्योतिष और अध्यात्म में सफलता प्राप्ति का योग होता है, यदि द्वादश भाव  जन्म कुंडली के 3, 9, 12 भाव से संबंधित हो तो विदेश यात्रा और विदेश जाकर बसने का योग होता है, लेकिन शर्त यह है कि वह ग्रह मारकेश या बाधकेश नही होना चाहिए, इसके इलावा छठबल वर्ग सारणी अनुसार भी ग्रह अच्छे बल को प्राप्त होना चाहिए, तभी बताये गये फल प्राप्त होंगे.

Deep Ramgarhia
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली लग्न के अनुसार मारक ग्रह

कुंडली के किस योग से बढ़ते हैं शत्रु

कुंडली के अनुसार महीने में करें अपने चंद्र और शुक्र को मजबूत

कुंडली में पितृ दोष का सबसे बड़ा कारण

आपकी कुंडली में कौन-सा ग्रह है बलवान?

Leave a Reply