वैदिक ज्योतिष के अनुसार नवें घर से गुरु, देवता, पिता, भाग्य, उत्तम कर्म , जंघा, पोता, पपोत्र का विचार किया जाता है. इसे त्रिकोण और भाग्य भाव भी कहा जाता है. नवें घर से कानून,न्याय व्यवस्था और परंपरा का भी विचार किया जाता है.
कुंडली के नवें घर में राहु और सूर्य का योग व्यक्ति को कानून के क्षेत्र में सफलता दिला सकता है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता दिला सकता है. ऐसा व्यक्ति विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जा सकता है. धर्म-ध्वजा का रक्षक, धर्माधिकारी या धर्म का पालन करने वाला हो सकता है. ऐसा व्यक्ति आदर्शवादी हो सकता है, नैतिक भी हो सकता है साथ ही साथ अपने निश्चित लक्ष्य की तरफ बढ़ने वाला होता है. नवां घर धर्म, संस्कृति, परंपरा और कानून का घर भी माना जाता है . व्यक्ति को किसी कम्युनिटी, गाँव या नगर का नेता बना सकता है .
कुंडली के नवें घर में राहु और सूर्य हो तो ऐसे लोग यात्राएं बहुत करते हैं और उन यात्राओं से लाभ भी उठाते हैं खासकर चिकित्सा और रिसर्च से जुड़े क्षेत्रों के लोगों को सफल होते देखा गया है. अगर दूसरे ग्रहों का साथ भी मिल रहा हो तो अच्छे शिक्षक या किसी धार्मिक संस्था के प्रमुख हो सकते हैं. ऐसे लोग समाज में अपना अलग स्थान बनाने में कामयाब होते हैं. ऐसे लोग दूरदर्शी होने के साथ साथ धर्म या शिक्षा के प्रचार में रूचि लेते हैं और अच्छा योगदान देते हैं जिससे समाज को एक नयी दिशा मिल सकती है.ऐसे लोगों का अपना दृष्टिकोण होता है और ऊँचे सपने देखने वाले होते हैं. कुंडली में अगर बाकी ग्रहों की स्थिति अच्छी हो तो नवें घर में राहु और सूर्य का योग राजनीति में अच्छी सफलता दिला सकता है. क्योंकि उसकी भाषण कला से लोग प्रभावित हो सकते हैं . सामाजिक रूप से ऐसा जातक अपने से बड़े स्टेटस वाले व्यक्ति से विवाह कर सकता है, लेकिन इससे उसको परेशानी ही मिलती है . आपके लिए साफ़ सन्देश है कि आपको धर्म और अध्यात्म में रूचि लेनी चाहिए. उसको सीखना और समझना चाहिए और उसके बाद उसको प्रसारित भी करना चाहिए. दूसरे लोगों तक पहुँचाना चाहिए ,इसी में आपकी सफलता छिपी है .
ऐसे लोगों को अपना ध्यान और अन्य पारम्परिक गुप्त विद्याओं की तरफ बढ़ना चाहिए . लेकिन ध्यान रहे ये सिर्फ मन तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इसको विचारों के माध्यम से प्रसारित भी करना होगा. क्योंकि आप सिर्फ बौद्धिक स्तर पर अधिक सक्रिय रह सकते हैं . आपको व्यर्थ की व्यस्तता और गपशप से दूर रहना चाहिए . आपको फोकस्ड होना पड़ेगा क्योंकि आपकी मन की स्थिति ठहराव पसंद नहीं करती ,इसलिए एक विषय से दूसरे विषय पर घूमते रह सकते हैं .
राहु और सूर्य नवें घर में हो तो ऐसे लोग प्रेम संबंधों के मामले में भावनात्मक रूप से तो मजबूत हो सकते हैं. लेकिन कई बार अपनी ही भावनाओं को नहीं समझ पाने से आपके अंदर द्व्न्द चलते रह सकते हैं या कह सकते हैं आपके अपने आप से संघर्ष जारी रह सकते है.आप रिश्तों में संघर्ष और भ्रम के शिकार हो सकते हैं.इसलिए आपके लिए साफ़ सन्देश है कि मैडिटेशन करें और प्रैक्टिकल बनने और प्रयोग करने की तरफ बढ़ें. इससे आपके अंदर जो शिक्षक की भावना है उसको मजबूती मिलेगी और आपके जीवन में एक शान्ति का अनुभव होगा . नवें घर से भाग्य और लम्बी यात्राओं को भी देखा जाता है., आपको लम्बी यात्राओं और विदेश एवं विदेशियों से भी फायदा मिल सकता है. खासकर तब जब यात्रा का मोटिव धर्म या ज्ञान का प्रसार हो .
कुंडली के नवें घर में राहु और सूर्य के नकारात्मक परिणामों की बात करें तो ऐसे व्यक्ति अधर्म का साथ देने वाले हो सकते हैं , दंगा फसाद कराने में रूचि हो सकती है. विदेशों में देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर सकते हैं , प्रोपेगैंडा या गलत प्रचार कर सकते हैं. ऐसे लोग कानून को ताक पर रखकर काम करने वाले हो सकते हैं. अपने से बड़ों का अपमान करने वाले हो सकते हैं. समाजविरोधी कार्यों में लिप्त हो सकते हैं. व्यक्ति को प्रतिकूल और विपरीत बात बोलने वाला और धर्म को नहीं मानने वाला बनाता है. ये व्यक्ति को अपने धार्मिक विश्वासों को छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है चाहे शुरूआती जीवन में कितना ही धार्मिक क्यों न हो . वो कानून की अनदेखी करने वाला हो सकता है , धर्म की उपेक्षा करने वाला और अनैतिक भी हो सकता है.
आपको जीवन में ज्यादा समझौते नहीं करने चाहिए और खुद के प्रति ईमानदारी बरतनी चाहिए . आपको अपनी बातों पर अडिग रहना सीखना होगा.अपने कॉन्फिडेंस का उपयोग दूसरों की भलाई में लगाने का प्रयास करना चाहिए .आपको छोटे छोटे संशयों, संदेहों और दैनिक जीवन की क्षुद्रताओं से ऊपर उठना होगा . आपके लिए एक ख़ास सन्देश है कि अपने ज्ञान और सूचना को प्रसारित करें. अपने मन की गहराईओं में गोते लगाएं और वंहा से जो विचार पैदा हुए हैं उनको धरातल पर लेकर आएं और दूसरे लोगों तक पहुचायें. विषय अगर धर्म संस्कृति या परम्परा से सम्बंधित हो तो और भी अच्छा , यही आपके लिए मूल मन्त्र है .
कुंडली के नवें घर में अकेले राहु और सूर्य की युति के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है.
Astro nirmal
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